हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयानों को लेकर Supreme Court में याचिका दायर, क्यों आया Owaisi का नाम?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 23, 2022, 12:03 PM IST

Akbaruddin Owaisi (File Photo)

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि जिन मुस्लिम नेताओं ने हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए हैं उनके खिलाफ एक्शन हो.

 डीएनए हिंदी: हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस (Hindu Front for Justice) ने हरिद्वार (Haridwar) के धर्म संसद के दौरान दिए गए हेट स्पीच मामले (Hate Speech Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने एक याचिका दायर की है. 

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की जांच करने के लिए सहमत हो गई है तो अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) और अमानतुल्ला खान जैसे राजनीतिक नेताओं के नफरती भाषणों की भी जांच हो. याचिका में 2 दर्जन से ज्यादा उदाहरण दिए गए हैं.

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अपील की है कि हिंदू समुदाय के सदस्यों, उनके देवी-देवताओं के खिलाफ दिए गए नफरत भरे भाषणों की जांच के लिए एक एक SIT को निर्देशित किया जाए. याचिका में कोर्ट से अपील की गई है कि संवैधानिक भावना के साथ-साथ भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ दिए गए अभद्र भाषणों से जुड़े मामलों को भी जांच हो.

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याचिका में क्या की गई है मांग?

याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम समाज के कुछ नेता और उपदेशक हिंदू धर्म और भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ने यह याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों ने हिंदू समुदाय में भय और अशांति का माहौल पैदा कर दिया है.

याचिका में कहा गया है कि इस तरह के बयान हमें मुस्लिम लीग के कामकाज की याद दिलाते हैं जिसकी वजह से देश का विभाजन हुआ. जनहित याचिका का विरोध करने के लिए हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी एक याचिका दायर की है.

कौन हैं अकबरुद्दीन ओवैसी?

अकबरुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई हैं. अकबरुद्दीन ओवैसी विधायक भी हैं. 2013 में एक बयान देते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि अगर 15 मिनट के लिए पुलिस हटा ली जाए तो हिंदू-मुसलमान के अनुपात में संतुलन स्‍थापित कर देंगे.  (IANS इनपुट के साथ)

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