PM CARES: 2020-21 में हुई तीन गुना वृद्धि, खर्च बढ़कर 3,976 करोड़ रुपये पहुंचा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 07, 2022, 11:53 PM IST

Image Credit- ANI

PM CARES: व्यय में प्रवासी कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये और कोविड टीकों की खरीद के लिए 1,392 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भी शामिल है.

डीएनए हिंदी: कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए बनाए गए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई और यह राशि 10,990 करोड़ रुपये हो गई, जबकि इस निधि से व्यय की रकम बढ़कर 3,976 करोड़ रुपये हो गई है.

व्यय में प्रवासी कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये और कोविड टीकों की खरीद के लिए 1,392 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भी शामिल है.

पढ़ें- Hyundai और Kia के बाद कश्मीर विवाद में कूदे Pizza Hut और KFC, इस तरह मांगी माफी

वित्त वर्ष (2020-21) के दौरान फंड में करीब 494.91 करोड़ रुपये विदेशी चंदे के रूप में और 7,183 करोड़ रुपये से अधिक स्वैच्छिक अंशदान के रूप में आए. वहीं, 2019-20 के दौरान फंड में कुल 3,076.62 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त हुआ था, जो 27 मार्च 2020 को इसके गठन के महज पांच दिनों के अंदर एकत्र हुआ था. फंड 2.25 लाख रुपये की शुरुआती राशि के साथ बनाया गया था.

प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए ब्योरे के मुताबिक, इसमें ‘केवल लोगों/संगठनों के स्वैच्छिक अंशदान शामिल हैं और कोई बजटीय सहयोग नहीं मिला है.’

पढ़ें- वर्षों की विकास यात्रा में छूट गए करोड़ों गरीबों को PMJDY से मिला बैंकिंग का अधिकार

सरकार ने निधि का एक हिस्सा वेंटिलेटर सहित मेडिकल उपकरण खरीदने, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने और प्रवासियों को राहत मुहैया करने में भी किया है. हालांकि, विपक्षी दलों ने पीएम केयर्स फंड की आलोचना करते हुए दावा किया कि इसके अंशदान और व्यय पारदर्शी नहीं हैं. वहीं, सरकार ने इस आरोप से इनकार किया है.

नवीनत लेखा परीक्षण बयान के मुताबिक, इससे सरकारी अस्पतालों में 50,000 ‘मेड-इन इंडिया’ वेंटिलेटर की खरीद के लिए 1,311 करोड़ रुपये, 50 करोड़ रुपये (बिहार के) मुजफ्फरपुर और पटना में 500 बिस्तरों वाले दो अस्पताल, और नौ राज्यों में 16 आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला स्थापित करने में व्यय किए गए.

पढ़ें- Noida में Supertech के ट्विन टावर को ध्वस्त करने की कार्रवाई दो हफ्ते में शुरू करें: सुप्रीम कोर्ट

इसके अलावा 201.58 करोड़ रुपये जन स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन संयंत्र पर, जबकि 20.4 करोड़ रुपये कोविड टीके पर काम कर रही प्रयोगशालाओं के उन्नयन के लिए व्यय किया गया.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासियों के कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि कोविड टीके की 6.6 करोड़ खुराक की खरीद के लिए 1,392.82 करोड़ रुपये व्यय किए गए. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 10,990.17 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

(इनपुट- भाषा)
 

पीएम केयर्स कोविड 19 संकट