PM Modi आज रचने वाले हैं एक और इतिहास, ऐसा करने वाले होंगे देश के पहले प्रधानमंत्री

कृष्णा बाजपेई | Updated:Apr 21, 2022, 08:16 AM IST

PM Modi आज गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर देश को लालकिले से संबोधित करने वाले हैं.

डीएनए हिंदी: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज इतिहास रचने जा रहे हैं. गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व (400th Birth Anniversary of Guru Tegh Bahadur) पर आज पीएम सूर्यास्त के वक्त राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे. खास बात यह है कि पीएम लालकिले (Red Fort) से ही देश को संबोधित करेंगे. आपको बता दें कि इससे पहले मोदी साल 2018 में भी एक बार लालकिले से राष्ट्र के नाम संबोधन दे चुके है. यह दूसरी बार होगा कि जब देश का कोई पीएम स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अलावा लालकिले से देश को संबोधित करेगा, इसीलिए इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है.  

क्या है यह कार्यक्रम

सिखों के 9वें धर्मगुरु गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व को  लेकर आयोजित होने वाले पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में सिख संगीतकारों द्वारा परफॉर्मेंस दी जाएगी और फिर लंगर भी होगा. PM Modi इस अवसर पर एक स्मरणीय सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे. कार्यक्रम में 400 सिख 'जत्थेदारों' के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया है, जिनमें अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के लोग भी शामिल हैं. गौरतलब है कि लाल किले की प्राचीर वह जगह है, जहां से प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हैं. 

लालकिलें को ही क्यों चुना गया 

ऐसे में सवाल उठता है कि जब लालकिले से पीएम मोदी साल में केवल एक बार स्वतंत्रता दिवस के दिन ही बोलते हैं तो फिर इस कार्यक्रम के लिए लालकिले को ही क्यों चुना गया? इस सवाल का जवाब यह है कि पीएम मोदी लालकिले के प्राचीर से नहीं संबोधन देंगे बल्कि बल्कि लॉन से राष्ट्र को संबोधित करेंगे. संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के आयोजन स्थल के रूप में इसलिए चुना गया है क्योंकि यहीं से मुगल शासक औरंगजेब ने 1675 में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया था. 

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पहले भी कर चुके संबोधन

आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के अलावा यह दूसरी बार है जब पीएम लालकिले की ऐतिहासिक स्मारक से भाषण देंगे. इससे पहले, 2018 में उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ मनाई थी और लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. हालांकि उस मौके पर प्रधानमंत्री का संबोधन सुबह 9 बजे हुआ था, जबकि इस बार सूर्यास्त के बाद होगा. 

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