Indian Canada Relations में लगातार बढ़ रही खटास के बीच एक और मुद्दा दोनों देशों में टकराव का कारण बनता दिख रहा है. कनाडा के वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर एक बार फिर खालिस्तानी आतंकियों ने भारत के खिलाफ कथित 'जन अदालत' आयोजित की है. गुरुवार को इस अदालत के आयोजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका गया है. इसे लेकर भारत भड़क गया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग को राजनयिक नोटिस जारी किया है. यह घटना उस समय हुई है, जब पिछले सप्ताह इटली में G7 Summit के दौरान पीएम मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंध सुधरने की उम्मीद जगी थी. हालांकि इसके बावजूद कनाडाई संसद ने बुधवार को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की याद मे मौन रखकर शोक जताया था.
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खालिस्तानी आतंकियों को शह देने पर जताई नाराजगी
भारत ने वैंकूवर की कथित जन अदालत के बाद कनाडाई उच्चायोग को राजनयिक नोटिस जारी किया है. सूत्रों के मुताबिक, इस मौखिक नोटिस में कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकियों को लगातार दी जा रही शह पर गंभीर आपत्ति और नाराजगी जताई गई है. भारत ने कनाडा को साफ कहा है कि उसकी धरती पर खालिस्तानी आतंकियों के प्रदर्शन और जन अदालत लगाना दोनों देशों के संबंधों में भारी गतिरोध ला सकता है. भारत ने खालिस्तानी आतंकियों को जस्टिन ट्रूडो की सरकार द्वारा बढ़ावा दिए जाने का भी आरोप लगाया गया है और इस पर आपत्ति जताई गई है.
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निज्जर की हत्या से बिगड़े थे दोनों देशों के संबंध
इससे पहले कनाडा की संसद ने बुधवार को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की याद में मौन रखकर शोक जताया था, जिसकी पिछले साल 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर कर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर लगाया था. ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खुलेआम कहा था कि इस हत्या के बीच भारतीय एजेंटों का हाथ है. हालांकि भारत ने इस आरोप को बेतुका बताकर खारिज किया था, लेकिन इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे. कई महीने तक भारत ने कनाडा के वीजा भी जारी नहीं किए थे. निज्जर भारत की तरफ से घोषित आतंकियों की लिस्ट में शामिल था.
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भारत लगातार उठाता रहा है खालिस्तानी आतंकियों को कनाडा में शरण का मुद्दा
भारत लगातार कनाडा में भारत विरोधी तत्वों, खासतौर पर खालिस्तानी आतंकियों को शरण दिए जाने का मुद्दा उठाता रहा है. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि भारत की तरफ से कनाडा के सामने मुख्य मुद्दा ओटावा (कनाडाई राजधानी) द्वारा चरमपंथी हिंसा के समर्थक भारत विरोधियों को अपने यहां राजनीतिक हैसियत प्रदान करना है.
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पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ये बोले थे ट्रूडो
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की इटली में मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद ट्रूडो ने कनाडा लौटकर कहा था कि हम भारत का कई मुद्दों पर समर्थन करते हैं. नई भारतीय सरकार से आर्थिक-राष्ट्रीय सुरक्षा के कई अहम मुद्दों पर चर्चा का यह मौका है. भारत और हमारे लोगों के बीच गहरे संबंध हैं. ट्रूडो के इस बयान से दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने की उम्मीद जगी थी.
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