Sandeshkhali Case Updates: पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले का संदेशखाली इस समय राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) और विपक्षी दल भाजपा (BJP) के बीच 'शह और मात' का मैदान बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपने बंगाल दौरे में संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मिले, जिनके यौन शोषण और जमीन कब्जाने का आरोप TMC नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) पर लगा हुआ है. भाजपा नेता लगातार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर शेख को बचाने का आरोप लगाकर उन्हें घेर रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी का संदेशखाली की पीड़िताओं से मिलना एक बड़ा सियासी संदेश दे रहा है. लेकिन ममता बनर्जी ने इस मुलाकात से पहले ही पश्चिमी बंगाल की महिला मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणा कर दी. ममता बनर्जी ने राज्य की आशा (ASHA Workers) और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (Anaganwadi Workers) का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की है, जिनकी पहुंच लगभग हर घर तक मानी जाती है. इसे ममता सरकार का बड़ा पैंतरा माना जा रहा है.
बढ़ा दिया है इतना मानदेय
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर मानदेय बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने लिखा, राज्य में आर्थिक संकट होने के बावजूद टीएमसी सरकार लोगों की जिंदगी को खुशनुमा और समृद्ध बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने आशा वर्कर्स के मानदेय में 750 रुपये महीना की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया. साथ ही कहा कि आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में भी 500 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है. यह बढ़ा हुआ मानदेय 1 अप्रैल, 2024 से ही लागू हो जाएगा.
कितना हो जाएगा अब मानदेय
पश्चिम बंगाल में आशा वर्कर को फिलहाल 8,250 रुपये महीना मानदेय मिलता है, जिसे बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस मानदेय में 750 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा के बाद अब उन्हें 9,000 रुपये महीना मिला करेगा. आंगनबाड़ी सहायिकाओं को भी अब 6,000 रुपये महीने के बजाय 6,500 रुपये का मानदेय मिला करेगा.
3.73 करोड़ महिला वोटर्स तक है आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पहुंच
ममता बनर्जी का आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाना लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. दरअसल पश्चिम बंगाल में 64,904 आशा वर्कर हैं, जबकि लगभग इतनी ही आंगनबाड़ी वर्कर भी हैं. इन सभी की पहुंच राज्य की लगभग सभी महिला वोटर्स तक हैं, जिनकी संख्या 22 जनवरी को करीब 3.73 करोड़ आंकी गई है. पश्चिम बंगाल के अधिकतर घरों में महिला वोटरों की आवाज सुनी जाती है. ऐसे में ममता बनर्जी की योजना आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स के जरिये राज्य की महिला वोटर्स को लुभाने की है, जिससे उनकी लोकसभा चुनाव में जीत पर कोई भी संकट पैदा नहीं हो सके.
AAP की तर्ज पर उठाया है ये कदम
ममता बनर्जी का यह कदम दिल्ली की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार की घोषणा से प्रेरित माना जा रहा है. दरअसल I.N.D.I.A गठबंधन में TMC से बढ़िया संबंध रख चुकी AAP ने कुछ दिन पहले 2024-25 का बजट पेश करते समय मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना (Mukhyamantri Mahila Samman Yojana) की घोषणा की है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इस योजना के जरिये दिल्ली में 18 साल से ज्यादा उम्र वाली हर महिला को 1,000 रुपये महीना की सम्मान राशि देने की घोषणा की है. उनकी इस घोषणा को लोकसभा चुनाव 2024 में महिला मतदाताओं को AAP के फेवर में लुभाने वाली माना जा रहा है. अब ममता बनर्जी की योजना भी कुछ इसी तर्ज पर की गई है.
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