PM Modi Oath Ceremony: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिकॉर्ड तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने की तैयारी जोरशोर से चल रही है. NDA के सहयोगी दलों की तरफ से चल रही 'प्रेशर पॉलीटिक्स' के बीच भाजपा नेतृत्व हर हाल में सरकार गठन की कवायद में जुटा हुआ है. इसके लिए गुरुवार सुबह से ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित आवास पर बैठकों का दौर चल रहा है. ऐसे में शपथ ग्रहण की तारीख को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है. बताया जा रहा है कि अब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर शनिवार (8 जून) को नहीं बल्कि रविवार (9 जून) को शपथ ग्रहण करेंगे. हालांकि अभी इस तारीख की भी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, बल्कि यह तारीख मीडिया को TDP के सांसद राम मोहन नायडू ने पार्टी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू के हवाले से बताई है. TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने भी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने का अपना कार्यक्रम टाल दिया है. पहले उनका शपथ ग्रहण 9 जून को होना था, जिसे अब बदलकर 12 जून कर दिया गया है. इससे भी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण की तारीख 9 जून होने की पुष्टि हो रही है.
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क्या बताया है राममोहन नायडू ने
TDP सांसद राम मोहन नायडू ने ANI से बातचीत में कहा कि 9 जून को मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. उन्होंने कहा," मैं NDA की बैठक में नहीं था, लेकिन हमारे नेता चंद्रबाबू नायडू वहां मौजूद थे. सरकार गठन को लेकर NDA के सभी नेता खुश हैं. NDA के सांसदों की 7 जून को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है. इस बैठक के बाद 9 जून को मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. बता दें कि पीएम मोदी ने 5 जून को अपने पद से इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दिया था. इसके बाद वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर ही पद संभाल रहे हैं. उन्हें 7 जून की बैठक में NDA संसदीय दल का औपचारिक नेता चुने जाने के बाद शपथग्रहण की कवायद शुरू होगी.
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पड़ोसी देशों के राष्ट्रप्रमुख पहले ही पहुंच रहे भारत
पीएम मोदी ने अपने शपथग्रहण समारोह के लिए पिछले दोनों मौकों की तरह इस बार भी पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता दिया है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे ने शपथग्रहण समारोह में आने की पुष्टि की है. शेख हसीना शुक्रवार (7 जून) को ही इसके लिए भारत पहुंच रही हैं. ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह की तारीख बदलने की खबर के बाद उन नेताओं को भी अपना कार्यक्रम बदलना होगा.
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सहयोगी दलों के नखरों के कारण तो नहीं टला समारोह?
NDA की बुधवार को हुई बैठक में भले ही सहयोगी दलों ने भाजपा को समर्थन का पत्र सौंप दिया हो, लेकिन वास्तव में उनकी तरफ से अब भी 'प्रेशर पॉलीटिक्स' चल रही है. सहयोगी दलों के नखरों के बीच ही शपथ ग्रहण आयोजित किया जा रहा था, जिसके लिए 7 जून को NDA की बैठक में पीएम मोदी के नाम पर औपचारिक मुहर लगनी थी. 7 जून को पीएम मोदी का नाम घोषित होने के बाद 8 जून को ही शपथ ग्रहण कराए जाने की योजना थी. लेकिन इस बीच समारोह की तारीख टलने से यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि सहयोगी दलों के नखरों के कारण ऐसा किया गया है.
पिछली बार के मुकाबले...
- BJP को पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में बहुमत हासिल हुआ था.
- कोई दबाव नहीं होने से पीएम मोदी ने 2019 में आराम से 10 दिन बाद शपथ ली थी.
- साल 2014 में भी मोदी ने चुनाव परिणाम घोषित होने के 7 दिन बाद शपथ ग्रहण की थी.
- इस बार परिणाम की तारीख और शपथ ग्रहण में महज 5 दिन का अंतराल है.
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