डीएनए हिंदी: PM Modi Latest News- दक्षिण अफ्रीक में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक-दूसरे से हाथ मिलाए और थोड़ी देर बातचीत भी की. हालांकि संबंधों में वैसी गर्मजोशी नहीं दिखी, जिस अंदाज में पीएम मोदी इससे पहले जिनपिंग से मुलाकात करते रहे हैं. उल्टे संबंधों का एक नया अंदाज दिखाई दिया, जिसमें जिनपिंग मंच पर आते समय पीछे से पीएम मोदी को कुछ कहते दिखाई दिए, जिसका जवाब पीएम ने बिना ठहरे आगे चलते हुए ही दे दिया और आगे बढ़ गए.
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संयुक्त बयान के लिए आ रहे थे दोनों मंच पर
दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग में 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चल रहा है. गुरुवार को सम्मेलन में संयुक्त बयान जारी करने के लिए सभी देशों के नेताओं को मंच पर ग्रुप बनाने के लिए बुलाया गया. इसी दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग भी मंच पर साथ-साथ आते दिखाई दिए. मंच पर दोनों नेताओं के अपनी-अपनी सीट पर बैठने से पहले जिनपिंग ने पीछे से पीएम मोदी को कुछ कहा. पीएम मोदी जिनपिंग की बात सुनकर पलटे, लेकिन उनके चेहरे पर बेहद रुखा सा अंदाज दिखाई दिया. इसके बाद मोदी ने हाथ हिलाते हुए जिनपिंग को कुछ कहा और आगे अपनी सीट की तरफ बढ़ गए.
बाद में मिलाए दोनों ने स्टेज पर हाथ
मंच पर सभी नेताओं का संयुक्त बयान पूरा होने के बाद पीएम मोदी और जिनपिंग ने आपस में मंच पर हाथ भी मिलाया. हालांकि यह महज एक औपचारिक 'हैंडशेक' था, जो मंच पर मौजूद सभी नेता एक-दूसरे से कर रहे थे. इससे पहले मंच पर संयुक्त बयान में 5 देशों के BRICS समूह में छह नए देशों को शामिल करने का ऐलान किया गया.
दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की थी चर्चा
ब्रिक्स समिट शुरू होने से पहले पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच इससे इतर भी मुलाकात होने की चर्चा थी. माना जा रहा था कि दोनों नेता भारत-चीन संबंधों को लेकर द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं, लेकिन तीन दिन के सम्मेलन के दौरान ऐसी कोई बैठक नहीं हुई है. हालांकि गुरुवार को पीएम मोदी की पांच देशों के नेताओं से द्विपक्षीय बैठक में व्यस्त रहने का शेड्यूल जारी हुआ था. इनमें तीन देश ईरान, इथोपिया और मोजाम्बिक बताए गए हैं, लेकिन बाकी दो देशों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं. ऐसे में पीएम मोदी और जिनपिंग के मंच पर हाथ मिलाने से इस बात के संकेत मिले हैं कि दोनों नेता द्विपक्षीय मुलाकात भी कर सकते हैं.
मोदी के जिनपिंग से पिछली मुलाकात को लेकर छिड़ा हुआ है विवाद
पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच इससे पहले नवंबर, 2022 में आमना-सामना हुआ था. यह मुलाकात बाली में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो की तरफ से आयोजित G20 डिनर में हुई थी. तब दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन भी किया था. अप्रैल, 2020 में लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सेना की घुसपैठ और भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प के बाद यह पहला मौका था, जब दोनों नेताओं ने आपस में किसी कार्यक्रम में एक-दूसरे का अभिवादन किया था. यह मुलाकात भारतीय राजनीति में कुछ दिन पहले बेहद विवाद का विषय बनी थी. दरअसल भारत सरकार ने बताया था कि बाली में दोनों नेताओं ने आपस में अलग से भी मुलाकात की थी, जिसमें सीमा विवाद को लेकर भी चर्चा हुई थी. इससे पहले भारत सरकार इस मुलाकात को महज औपचारिक मीटिंग बताती रही थी. अब इसमें सीमा विवाद की चर्चा होने की बात सामने आने पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा हुआ है.
भारत-चीन में अब तक हल नहीं हुआ है सीमा विवाद
चीनी सेना के लद्दाख में अप्रैल, 2020 में घुसपैठ करने के बाद से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच गतिरोध चल रहा है. यह गतिरोध हाल ही में हुई कॉर्प्स कमांडर लेवल बैठक में भी हल नहीं हो पाया है. ऐसे में यदि मोदी और जिनपिंग की द्विपक्षीय बातचीत होती है तो इस मुद्दे के हल होने के आसार बन सकते हैं.
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