डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (PM Narendra Modi) आज (शनिवार) को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर ( Shahjahanpur) जिले में राज्य के सबसे लम्बे एक्सप्रेस मार्ग गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास किया है. प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के बाद रोज ग्राउंड में रैली को भी सम्बोधित किया. एक्सप्रेस-वे का निर्माण देशभर में प्रधानमंत्री के फास्ट कनेक्टिविटी के विजन से प्रेरित रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम की शुरुआत 1 बजे से करेंगे. यह यूपी सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. शाहजहांपुर में सुरक्षा बंदोबस्त पूरे हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच के पास एक रेत का प्रारूप (Model) भी तैयार किया है. मॉडल में एक्सप्रेस-वे से कैसे 12 जिले जोड़े जाएंगे, इसे दिखाया गया है.
36,230 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को बनाने में करीब 36,230 रुपये खर्च होने हैं. 26 नवंबर 2020 को ही इस परियोजना को योगी सरकार ने मंजूरी दी थी. एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 594 किलोमीटर है जिसके जरिए मेरठ से लेकर प्रयागराज तक को जोड़ा जा रहा है. एक्सप्रेस-वे का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और आइआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स कर रहे हैं.
क्यों जरूरी है गंगा एक्सप्रेस-वे?
गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का मकसद पश्चिमी यूपी के विकास को तेज गति देना है. ज्यादातर एक्सप्रेस वे पश्चिमी यूपी के जिलों से होकर ही गुजरते हैं. ये एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. इन जिलों में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ शामिल हैं. इसके जरिए 519 गांव कनेक्ट होंगे. 6 लेन का यह एक्स्प्रेस-वे फ्लेक्सिबल होगा जिसे बढ़ाकर 8 लेन तक किया जा सकता है.
हो सकेगी विमान की टेक-ऑफ और सेफ लैंडिंग
यह एक्सप्रेस-वे देश के सबसे विकसित एक्सप्रेस-वे में से एक होगा. यहां वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग और टेक-ऑफ हो सकेगी. इसके लिए साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी. इसे शाहजहांपुर में बनाया जाएगा. प्रस्ताव के मुताबिक एक्सप्रेसवे के आसपास 18.55 लाख पौधे लगाए जाएंगे. एक्सप्रेस-वे के किनारे 9 जनसुविधा परिसर भी बनाए जाएंगे. एक्सप्रेस-वे पर 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज बनाने की भी योजना है.
एक्सप्रेस-वे से क्या आएंगे बदलाव?
गंगा एक्सप्रेस-वे से आसपास के क्षेत्रों में तेजी से बदलाव होंगे. सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को बढ़ावा मिल सकता है. अलग-अल प्रोडेक्शन यूनिट, डेवलेपमेंट सेंटर, एग्रीकल्चर प्रोडक्शन और दिल्ली से जोड़ने के लिए एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तौर पर यह विकसित होगा. एक्सप्रेस वे के जरिए फर्टिलाइजर, स्टोरेज, मंडी और डेयरी उत्पादन की दिशा में भी क्रांतिकारी बदलाव सामने आएंगे.