PM Modi 'गोवा मुक्ति दिवस समारोह' में होंगे शामिल, जानें पुर्तगाली शासन के अंत का 'ऑपरेशन विजय'

| Updated: Dec 19, 2021, 01:21 PM IST

PM Narendra Modi (Photo Credit @PIB/twitter)

गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को भारतीय सशस्‍त्र बलों द्वारा 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्‍त कराने की याद में मनाया जाता है.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (PM Narendra Modi) गोवा मुक्ति दिवस (Goa Mukti Divas) कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आज गोवा पहुंच रहे हैं. पीएम मोदी स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानियों और ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) के पूर्व सैनिकों को सम्‍मानित करेंगे. गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को भारतीय सशस्‍त्र बलों द्वारा 'ऑपरेशन विजय' के तौर पर मनाया जाता है. 1961 में पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्ति मिली थी.

देश के इतिहास में 19 दिसंबर का दिन बेहद अहम है. 15 अगस्त 1947 को तो पूरे देश को आजादी मिल गई थी लेकिन गोवा हमारे कब्जे में नहीं था. देश की आजादी के 14 साल बाद गोवा को आजादी मिली थी. भारतीय सेना ने आज के ही दिन गोवा, दमन और दीव (Daman and Diu) को पुर्तगालियों के कब्‍जे से मुक्‍त कराकर भारत में शामिल किया था. पुर्तगालियों ने गोवा पर करीब साढ़े चार सौ वर्ष शासन किया था. 19 दिसंबर  1961 को पहली बार गोवा में तिरंगा लहरा था और ये बेहद खूबसूरत हिस्सा देश का अभिन्न अंग बना था.

गोवा की आजादी भी एक बड़े सैन्य ऑपरेशन की वजह से मिली थी. 30 मई 1987 को गोवा को राज्‍य का दर्जा हासिल हुआ था वहीं दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. गोवा में मिली इसी जीत के नाम पर हर वर्ष 'गोवा मुक्ति दिवस' मनाया जाता है. 

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पुर्तगालियों ने सबसे बाद में छोड़ा था देश
पुर्तगाली 1510 में भारत आए थे और वह यहां पर आने वाले पहले यूरोपीय शासक थे. वहीं 1961 में वह भारत छोड़ने वाले भी अंतिम यूरोपीय शासक थे. भारतीय सेना के पराक्रम ने उन्हें गोवा छोड़ने पर मजबूर कर दिया था. 

दरअसल तब भारत सरकार ने गोवा सरकार से लगातार बातचीत करने की कोशिश की थी लेकिन हर बार भारत की मांग को पुर्तगाली शासन ने अनसुना किया था. 1 सितंबर 1955 को भारत ने गोवा में मौजूद अपने कॉन्सुलेट को बंद कर दिया था. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि भारत सरकार गोवा में पुर्तगाली शासन की मौजूदगी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके लिए गोवा, दमन और दीव के बीच में ब्लॉकेड कर दिया.

जब पुर्तगाली गर्वनर ने टेके घुटने
8 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना को गोवा पर चढ़ाई का आदेश दे दिया गया. सेना ने गोवा, दमन और दीव पर चढ़ाई कर दी. इसको ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया था. करीब 36 घंटे तक सेना ने गोवा में जमीनी, समुद्री और हवाई हमले किए गए. तब जाकर भारतीय सेना प्रमुख पीएन थापर के सामने पुर्तगाल के गवर्नर जनरल वसालो इ सिल्वा (Vassalo E Silva) ने घुटने टेक दिए थे. दरअसल 1961 में दिल्ली में 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन किया और पुर्तगाल से भारत छोड़ने की मांग की. इसी दौरान 24 नवंबर 1961 को पुर्तगाली सेना ने भारतीय नौसैनिक जहाज पर हमला बोल दिया, जिसमें दो भारतीय जवान शहीद हो गए. इसी एक कदम ने पुर्तगाली शासन के खात्मे की भूमिका लिखी थी.

कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री पुनर्निर्मित फोर्ट अगुआडा जेल संग्रहालय, गोवा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, न्यू साउथ गोवा जिला अस्पताल, मोपा हवाई अड्डे पर विमानन कौशल विकास केंद्र और डाबोलिम-नावेलिम, मडगांव में गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन सहित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. 

पीएम नरेंद्र मोदी गोवा में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट द्वारा स्‍थापित इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च की आधारशिला भी रखेंगे. पीएम मोदी पणजी के आजाद मैदान में शहीद स्‍मारक में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। बाद में वे मीरामार में सेल परेड और फ्लाई पास्ट में भाग लेंगे.

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