डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार शाम महाकाल कॉरिडोर (Mahakal Corridor) के पहले फेज का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने पहले मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने गर्भगृह में मंत्र जाप भी किया. महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव को स्मरणीय बनाने में सहायता प्रदान करेगा.
पीएम ने कहा कि जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से ये माना जाता है कि उज्जैन भारत के केंद्र में हैं. ज्योतिषीय गणनाओं में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है बल्कि ये भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है. किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम, विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुँचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो.
पीएम मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं, सब कुछ अलौकिक है. महाकाल की शक्तियां इतनी हैं कि काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं. महाकाल की नगर प्रलय के प्रहार से मुक्त है.
बता दें कि पीएम मोदी ने पारंपरिक धोती और गमछा पहनकर शाम छह बजे मंदिर में प्रवेश किया और गर्भगृह में महाकाल की पूजा की. मोदी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे. इससे पहले प्रधानमंत्री अहमदाबाद से इंदौर पहुंचे जहां एयरपोर्ट पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उनका स्वागत किया. इसके बाद मोदी हेलीकॉप्टर से उज्जैन पहुंचे जहां प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने उनका स्वागत किया. महाकाल मंदिर पहुंचने के बाद मोदी ने भगवान शिव की पूजा के लिए गर्भगृह में प्रवेश किया.
महाकाल मंदिर और पूरे महाकाल को फूलों से सजाया गया है. इसके साथ ही चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा तैनात है. महाकाल मंदिर के ऊपर नंदी विराजमान हैं, नीचे खंभे लगे हैं और बीच में शिवलिंग स्थापित है. महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर 856 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण पुनर्विकास योजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है.देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में स्थापित है और यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. गलियारे के लिए दो भव्य एंट्री गेट-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं. यह गलियारा मंदिर के मेन गेट तक जाता है. महाकाल मंदिर के नए बने कॉरिडोर में 108 स्तंभ बनाए गए हैं.
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महाकाल के दर्शन करने में लगेंगे 8 घंटे
बता दें कि महाकाल लोकका पूरा दर्शन और भ्रमण करने में कम से कम 8 घंटे का समय लगेगा. इसमें दो भव्य प्रवेश द्वार होंगे और नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभ, फव्वारे और प्रत्येक मूर्ति की महिमा का वर्णन लोग अपने मोबाइल पर ऐप डाउनलोड कर स्कैन कर सुन सकेंगे. यह 910 मीटर का ये पूरा महाकाल मंदिर इन स्तंभों पर टिका होगा. महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन की परिकल्पना को जिस सुंदर तरीके से पेश किया गया है, सैकड़ों वर्षों के बाद उसे साकार रूप दे दिया गया है.
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