सच में पढ़ते हैं या रील्स देखते हैं? जब PM Modi ने छात्रों से किया सवाल

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 01, 2022, 01:00 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credit @BJP/twitter)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान कहा कि परीक्षा को एक अवसर मानना चाहिए, समस्या नहीं.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने छात्रों से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान सोशल मीडिया के सार्थक इस्तेमाल की सलाह दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने ऑफलाइन पढ़ाई की खासियतों के बारे में भी छात्रों को जानकारी दी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए पूछा कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं या रील्स देखते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ऑनलाइन स्टडी की कमियों का भी जिक्र किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं, या रील्स देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है. क्लासरूम में भी कई बार आपका शरीर क्लासरूम में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा.'

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'ऑफलाइन या ऑनलाइन...नहीं पड़ेगा फर्क'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अगर आपका मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है. जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं. इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है. माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा.'

परीक्षा को मानना चाहिए अवसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं. हमें इसे एक अवसर मानना चाहिए, न कि समस्या. दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, ऑफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे. जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे. अगर इन चीजों को कर लेते हैं तो मुझे नहीं लगता कि ये सारे संकट आपके लिए कोई कठिनाई पैदा कर सकते हैं.'

नई एजुकेशनल पॉलिसी पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, '2014 से ही हम नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के काम पर लगे थे. हिंदुस्तान के हर कोने में इस काम के लिए इस विषय पर ब्रेन स्ट्रोमिंग हुआ. देश के अच्छे विद्वान जो लोग साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े थे उसके नेतृत्व में इसकी चर्चा हुई. इसमें लाखों लोग शामिल हैं. इसे देश के नागरिकों, विद्यार्थियों, अध्यापकों ने बनाया है और देश के भविष्य के लिए बनाया है.'

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