PM Modi के मंच से बोले अशोक गहलोत, 'विपक्ष का भी होना चाहिए सम्मान तभी सही से होगा काम'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 10, 2023, 03:23 PM IST

Ashok Gehlot & PM Narendra Modi 

Rajasthan में कार्यक्रम के दौरान जब सीएम गहलोत बोलने के लिए खड़े हुए तो मोदी मोदी के नारे लगे. इस पर पीएम मोदी ने एक मजेदार रिएक्शन दिया था और लोगों को शांत रहने को कह दिया.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के दौरान पर हैं. इस दौरान उन्होंने कई अहम परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया है लेकिन अहम पल वो था जब पीएम मोदी के कार्यक्रम में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने माइक थामा. अशोक गहलोत ने अपने भाषण में कहा कि राजनीति में विपक्ष का भी सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी इस दिशा में काम करेंगे.

मुख्यमत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान कहा, "अगर विपक्ष का भी ऐसा ही सम्मान किया जाता है तो सत्तारूढ़ दल और विपक्ष अधिक जोश के साथ देश की सेवा करने में सक्षम होंगे. गहलोत ने कहा, "विपक्ष का सम्मान किया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस दिशा में आगे बढ़ेंगे."

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गहलोत को याद आए इंदिरा और राजीव

इस दौरान अशोक गहलोत ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को याद किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्षी दलों पर हमला बोला और आटा और डाटा का मुद्दा भी उठाया है. 

मोदी गहलोत के बीच नहीं कोई दुश्मनी

पीएम मोदी ने राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत को अपना मित्र बताया. इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा, "हमारे बीच दुश्मनी नहीं है. सिर्फ विचारधारा की लड़ाई है. हालांकि, गहलोत ने ERCP प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल का संकट है. इस पर पीएम मोदी ने भी पलटवार किया और कहा कि यदि जल संकट की समस्या का समाधान पहले कर लिया गया होता तो जल जीवन मिशन की आवश्यकता ही नहीं पड़ती. 

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अपनी सरकार का गिनाया कामकाज

पीएम मोदी ने अपनी सरकार के कामकाज गिनाते हुए कहा, "नई योजनाओं ने देश को आर्थिक गति दी है. हमारे देश में कुछ लोग ऐसी विचारधारा के शिकार हो चुके हैं, इतनी नकारात्मकता से भरे हैं. देश में कुछ भी अच्छा होता हुआ, ये लोग देखना नहीं चाहते. उन्हें सिर्फ विवाद खड़ा करना ही अच्छा लगता है. जो लोग हर चीज वोट के तराजू पर तोलते हैं, वे देश के भविष्य को ध्यान में रखकर योजना नहीं बना पाते."

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