PM Security Breach: एक्शन में अमित शाह, जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित

| Updated: Jan 06, 2022, 11:30 PM IST

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PM Modi Security: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बात से इनकार किया कि घटना के पीछे कोई सुरक्षा चूक या राजनीतिक मकसद था.

डीएनए हिंदी: केंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में ‘‘गंभीर चूक’’ की जांच के लिए गुरुवार को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया. गृह मंत्रालय (Home Ministry) की समिति का गठन घटना के एक दिन बाद किया गया है. 

आपको बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी को कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क अवरुद्ध किए जाने के कारण 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहने के बाद पंजाब की अपनी यात्रा से वापस लौटना पड़ा.

गृह मंत्रालय ने पंजाब से मांगी रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को सुरक्षा में "बड़ी चूक" करार दिया है जिसकी वजह से वीवीआईपी के लिए "गंभीर जोखिम" पैदा हुआ. गृह मंत्रालय ने जिम्मेदारी तय करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के अलावा राज्य सरकार से तत्काल रिपोर्ट भी मांगी है.

इस संबंध में एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, "गृह मंत्रालय ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की 05.01.2022 को फिरोजपुर, पंजाब की यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक, जिसके कारण वीवीआईपी के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम उत्पन्न हुआ, की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है."

सुधीर कुमार सक्सेना करेंगे नेतृत्व

तीन सदस्यीय समिति का नेतृत्व मंत्रिमंडल सचिवालय के सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना करेंगे और इसमें गुप्तचर ब्यूरो के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के महानिरीक्षक एस सुरेश भी शामिल होंगे. समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने की सलाह दी गई है.

अमित शाह बोले- पीएम की सुरक्षा में लापरवाही स्वीकार नहीं

प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क अवरुद्ध किए जाने के कारण फ्लाईओवर पर फंसने के बाद, प्रधानमंत्री को कल एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से वापस लौटना पड़ा था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसने आवश्यक तैनाती सुनिश्चित नहीं की, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी.

घटना के तुरंत बाद शुरू हुआ राजनीतिक विवाद

इस घटना से एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को "शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की", जबकि अन्य दलों ने भी कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमला किया है.

बचाव की मुद्रा में आए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बात से इनकार किया कि घटना के पीछे कोई सुरक्षा चूक या राजनीतिक मकसद था और कहा कि उनकी सरकार जांच के लिए तैयार है. पंजाब सरकार ने भी घटना की जांच के लिए बुधवार को एक समिति का गठन किया था.

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