डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath Crisis) में जमीन धंसने और कई स्थानों पर घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा आज कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. इस बैठक में जोशीमठ जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा जाएगा.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के जोशीमठ से शुरू हुआ भू-धंसाव अब कर्णप्रयाग तक पहुंच गया है. एक तरफ जहां जोशीमठ के लोग जमीन धंसने और दरारें आने की घटनाओं से परेशान हैं, तो वहीं कर्णप्रयाग नगर पालिका के बहुगुणा नगर में मौजूद करीब 50 घरों में भी अब दरारें आने लगी हैं. भू-धंसाव के कारण इन घरों की दीवारें में धीरे-धीरे दरारे आनी शुरू हो गई हैं. हालांकि सरकार ने कई परिवारों को अस्थायी जगहों पर शिफ्ट कर दिया है.
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600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए कल जोशीमठ का दौरा किया था. इससे एक दिन उन्होंने करीब 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया था. धामी ने कहा था कि जोशीमठ सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के सभी प्रयास किए जाएंगे.
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जोशीमठ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली के लिए प्रवेश द्वार है और इसके सामने बहुत बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है. जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और घरों, सड़कों और खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इसमें कई घर धंस गए हैं. जोशीमठ हिमालय क्षेत्र के अंतर्गत उत्तराखंड का 'गढ़वाल हिमालय' में 1890 मीटर की ऊंचाई पर बसा एक छोटा सा शहर है. यहां 20,000 से ज्यादा लोगों की आबादी है.
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