डीएनए हिंदी: पंजाब नेशनल बैंक घोटाला (PNB Scam) के आरोपी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को अब दुनिया भर में घूमने-फिरने की छूट मिल गई है. इंटरपोल ने उसके नाम को अपनी रेड कॉर्नर नोटिस लिस्ट (Red Corner Notice List) से हटा लिया है. इसे भारत सरकार की बड़ी हार माना जा रहा है, जिसने दावा किया है कि उसने इंटरपोल को चोकसी का नाम रेड कॉर्नर नोटिस से हटाने का विरोध किया था. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरपोल ने यह कार्रवाई चोकसी की तरफ से दाखिल याचिका के आधार पर की है, जिसमें उसने भारत में अपने खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया को राजनीतिक साजिश बताया था. उधर, कांग्रेस ने चोकसी का नाम रेड कॉर्नर लिस्ट से हटने के लिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा है कि भारत सरकार ED और CBI का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए करती है, लेकिन दूसरी तरफ चोकसी को राहत दिलवाती है.
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बता दें कि चोकसी ने अपने भांजे नीरव मोदी (Nirav Modi) के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था, जिसे भारतीय बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया जाता है. इस घोटाले का खुलासा होने से पहले ही नीरव और चोकसी भारत से फरार हो गए थे. नीरव फिलहाल ब्रिटेन में हिरासत में है, जहां से उसके भारत प्रत्यपर्ण की प्रक्रिया चल रही है. चोकसी कैरेबियाई द्वीप समूहों में से एक एंटीगुआ और बारबेडोस में है, जहां से उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. चोकसी घोटाला खुलने से पहले ही साल 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ले चुका था.
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अब जान लीजिए क्या होता है रेड नोटिस
इंटरपोल दुनिया के 195 देशों का संगठन है, जिससे इन देशों की कानूनी एजेंसियां जुड़ी हैं. ये एजेंसियां किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण, सरेंडर या किसी अन्य कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपी के खिलाफ वॉन्टेड नोटिस जारी कराती हैं ताकि दुनिया में वह जहां भी मौजूद है, वहां की स्थानीय कानूनी एजेंसियां उस आदमी को हिरासत में ले सकें. यह 'अलर्ट' का सबसे हाई लेवल है. इस अलर्ट के बाद जिस भी देश में आरोपी होता है, उस देश को अलर्ट जारी कराने वाले देश के साथ कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करना पड़ता है.
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दिसंबर, 2018 से था इंटरपोल लिस्ट में
चोकसी का नाम दिसंबर, 2018 में उसकी फरारी के करीब 10 महीने बाद इंटरपोल की रेड कॉर्नर लिस्ट में जोड़ा गया था. यह काम भारत सरकार की तरफ से सीबीआई के आग्रह पर किया गया था. PTI के मुताबिक, चोकसी ने हाल ही में फ्रांस के लियोन शहर में मौजूद इंटरपोल हेडक्वार्टर में एक याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में चोकसी ने रेड नोटिस को चुनौती दी थी. चोकसी ने अपने खिलाफ चल रही सीबीआई जांच को राजनीतिक साजिश बताते हुए भारत में जेल के हालात, अपना स्वास्थ्य और अपनी निजी सुरक्षा जैसे मुद्दे उठाए थे. चोकसी ने यह भी कहा था कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भारत में चल रही कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहा है.
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'अपहरण' को भी बनाया था मुद्दा
चोकसी ने अपनी याचिका में जून, 2021 में हुए अपने कथित अपहरण का भी हवाला दिया था. उसने कहा कि दो भारतीय एजेंट उसका एंटीगुआ से अपहरण करने के बाद डोमिनिका रिपब्लिक ले गए थे, जहां से उससे भारत भेजने की साजिश थी. इस घटना का जिक्र इंटरपोल ने भी अपने आदेश में किया है और कहा है कि चोकसी के भारत लौटने पर उसे 'निष्पक्ष जांच' नहीं मिलने का जोखिम हो सकता है.
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सीबीआई है चुप, सूत्र बोले- प्रत्यर्पण प्रक्रिया रहेगी जारी
सीबीआई ने चोकसी का नाम इंटरपोल लिस्ट से हटने के मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है. इस बारे में कोई भी अधिकारी ऑफिशियल बयान नहीं दे रहा है, लेकिन सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, इंटरपोल लिस्ट से नाम हटने पर भी चोकसी का एंटीगुआ से प्रत्यर्पण करने की प्रक्रिया जारी रहेगी. इसका एंटीगुआ सरकार को दिए गए अनुरोध पर प्रभाव नहीं होगा.
कांग्रेस बोली, सरकार ने दिलाई चोकसी को राहत
चोकसी का नाम रेड कॉर्नर लिस्ट से हटने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, मोदी सरकार के दो भाई- ईडी और सीबीआई. प्रधानमंत्री की प्रतिशोध और धमकी की राजनीति के तहत विपक्षी नेताओं के खिलाफ करवाई होती है, लेकिन इंटरपोल को इस बात की अनुमति दी जाती है कि चोकसी को राहत दी जाए.
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