डीएनए हिंदी: यदि कोई आपसे कहे कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में सरेंडर सीट पर एडमिशन करवा सकता है तो सावधान रहने की जरूरत है. राजस्थान के पाली जिले से ठगी की एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. पाली में एक महिला डॉक्टर से पीजी कराने के नाम ठगी कर ली गई. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के युवक ने महिला डॉक्टर के फर्जी डॉक्यूमेंट बना एडमिशन का झांसा दिया और पैसे ले लिए.
इस तरह हुआ शक
महिला डॉक्टर अपने एडमिशन का इंतजार कर रही थी लेकिन उसे एडमिशन का कोई मेल नहीं मिला. इसके बाद महिला को शक हुआ. ठग से रुपए लौटाने का कहा तो वह पहले टालता रहा लेकिन एक साल तक टालने के बाद आखिरकार महिला डॉक्टर ने पुलिस के पास जाने का फैसला लिया. डॉक्टर ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है. जानकारी के मुताबिक, महिला के ससुर सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं.
रिपोर्ट में महिला ने कहा है कि ससुर ने ग्रीन पार्क में रहने वाले मुकेश शर्मा से बात की तो उसने शालीमार बाग, दिल्ली में रिश्तेदार राहुल भारद्वाज से बात कराई. उसने कहा कि वह सरकारी कॉलेज में सरेंडर सीट से पीजी करवाता है. उसने ससुर को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से पीजी करवाने का विश्वास दिलाकर झांसे में ले लिया.
इसके बाद आरोपी 55 लाख रुपए में पीजी करवाने पर राजी हो गया. उसने हमें 13 जुलाई 2020 को पांच लाख रुपए एडवांस लेकर दिल्ली बुलाया. 14 जुलाई 2020 को राहुल भारद्वाज से मिले. उसने नई दिल्ली यूनिवर्सिटी का फॉर्म भरवाया.
पुलिस को इसमें बड़े गिरोह के शामिल होने का भी शक है. महिला ने कहा, राहुल ने फैकल्टी ऑफ साइंस का प्रोविजनल अलॉटमेंट लेटर भी दे दिया. 16 जुलाई 2020 को उसने हमें मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में बुलाया. वहां उनसे एक बार फिर फॉर्म भरवाया और कहा कि आपका एडमिशन हो गया है.
कुछ दिनों बाद आपको ईमेल मिल जाएगा. उसने एडमिशन के नाम दिल्ली के एक बैंक में 25 हजार रुपए फीस के जमा करवाए. इस काम के लिए 50 लाख रुपए नकद ले लिए. इसके बाद से ही वह लगातार टाल रहा है.