डीएनए हिंदी: आज से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramanath Kovind) का अभिभाषण हुआ. इस दौरान उन्होंने आज़ादी के इन 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों को याद किया और केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख भी किया.
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्माना
अपने अभिभाषण की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वतंत्रता सेनानियों से की और कहा, “मैं उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं जिन्होंने अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाने में मदद की. मैं उन व्यक्तित्वों को भी सम्मानपूर्वक याद करता हूं जिन्होंने आजादी के 75 वर्षों में भारत की विकास यात्रा में योगदान दिया.”
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “इस वर्ष से सरकार ने 23 जनवरी- नेताजी की जयंती से गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत की है. मेरी सरकार का मानना है कि देश के सुरक्षित भविष्य के लिए अतीत को याद रखना और उससे सीखना बहुत जरूरी है.”
कोविड की त्रासदी और वैक्सीनेशन
राष्ट्रपति ने कहा, “कोविंद ने कहा कि कोविड के कारण कई लोगों की जान चली गई. ऐसी परिस्थितियों में भी केंद्र, राज्यों, डॉक्टरों, नर्सों, वैज्ञानिकों और हमारे स्वास्थ्यकर्मियों ने एक टीम के रूप में काम किया. मैं अपने स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का आभारी हूं. उन्होंने कहा, “ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत की क्षमता टीकाकरण कार्यक्रम में दिखाई दी. एक साल से भी कम समय में हमने वैक्सीन की 150 करोड़ से अधिक डोज देने का रिकॉर्ड बनाया है. आज हम अधिकतम मात्रा में डोज देने के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक हैं."
कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख
केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी भूखा घर न लौटे, मेरी सरकार हर महीने पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन वितरित करती है. आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य वितरण कार्यक्रम चला रहा है. ये योजना मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है.” उन्होंने कहा, “64 हजार करोड़ रुपये का पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन देश को भविष्य में स्वास्थ्य संकट के लिए तैयार करेगा.”
शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिक्षा का उल्लेख करते हुए कहा, “मेरी सरकार ने बेटे-बेटियों को समान दर्जा प्रदान करते हुए महिलाओं की शादी के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का विधेयक पेश किया है, ठीक वैसे ही जैसे पुरुषों के लिए है.” उन्होंने कहा, “स्थानीय भाषाओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हिस्से के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है. भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है. 10 राज्यों के 19 इंजीनियरिंग कॉलेज इस साल 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाएंगे.”
राष्ट्रपति ने कहा, “खुशी की बात है कि सभी 33 सैनिक स्कूलों ने अब लड़कियों को भी प्रवेश देना शुरू कर दिया है. सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में महिला कैडेटों के प्रवेश को भी मंजूरी दे दी है. महिला कैडेटों का पहला बैच जून 2022 में एनडीए में आएगा.”
किसानों को भी प्राथमिकता
किसानों के योगदान को लेकर राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे छोटे पैमाने के किसानों की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है. मेरी सरकार ने हमेशा 80 फीसदी छोटे पैमाने के किसानों को प्राथमिकता दी है. पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में किसानों के 11 करोड़ से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं.”
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राष्ट्रपति ने तकनीक और स्टार्टअप को लेकर कहा, “देश में 2016 से 56 अलग-अलग क्षेत्रों में 60 हजार से अधिक स्टार्ट-अप की शुरुआत से छह लाख से अधिक नए रोजगारों का सृजन हुआ. मेरी सरकार के सतत प्रयासों के फलस्वरूप भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हुआ है.”
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जम्मू-कश्मीर का विशेष ध्यान
सुरक्षा और संस्कृति के लिहाज से महत्वपूर्ण जम्मू-कश्मीर के संबंध में राष्ट्रपति ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. वहां 7 मेडिकल कॉलेजों के अलावा 2 एम्स पर काम चल रहा है. 2 एम्स में से एक जम्मू और दूसरा कश्मीर में है. IIT जम्मू और IIM जम्मू पर काम चल रहा है.”