डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सक्रिय हो गए हैं. शुक्रवार को राजस्थान में भारतीय प्रशासिनक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी के परिसरों सहित कई जगहों पर छापे मारे. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के परिसर सहित दौसा और राज्य की राजधानी जयपुर में कुल 25 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं.
मामले से जुड़े कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी PMLA के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में सितंबर में भी इसी तरह की छापेमारी की थी. विपक्ष इन कार्रवाइयों को चुनाव से जोड़कर देख रहा है क्योंकि राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा.
क्या है जलजीवन मिशन स्कैम?
जल जीवन मिशन के तहत सरकार ने कुछ फर्मों को 900 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए थे. करीब 48 परियोजनाओं में फेक एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट बांटने के भी आरोप लगे हैं. जांच में यह बात सामने आई है कि जीआई पाइप लगने वाली थी, वहीं प्लास्टिक पाइप लगा दिए गए.
IAS स्तर के अधिकारियों ने बिल को बिना जांच के पास कर दिया. इसी साल जून में सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने आरोप लगाया था कि राजस्थान में 20,000 करोड़ रुपए का घोटा हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी इसी से जुड़े केस में छापेमारी कर रहे हैं.
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