Project Akash Teer: दुश्मन पर एक साथ टूट पड़ेंगी देश की तीनों सेनाएं, जानिए क्या है प्रोजेक्ट आकाश तीर 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 30, 2023, 03:21 PM IST

What is Project Akash Teer 

Indian Army के लिए एक डील साइन की गई है जिसके जरिए उन्हें तकनीकी तौर पर मजबूत बनाया जाएगा. इसके जरिए दुश्मन की चाल को हवा में ही नाकाम किया जाए सकेगा.

डीएनए हिंदी: देश की सुरक्षा व्यवस्था को उच्च स्तर का बनाने के लिए भारत सरकार स्वदेशी कंपनियों को बढ़ावा दे रही है. इस बीच रक्षा मंत्रालय ने गाजियाबाद की ही भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ समझौता किया है. इसमें इस बात पर सहमति बनी है कि बीईएल भारतीय सेना के लिए ऐसा सिस्टम बनाएगा जो कि दुश्मन की चाल को हवा में ही बर्बाद करने में भारतीय सेना की मदद करेगा. जानकारी के मुताबिक BEL को इसके लिए 1982 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डील का मकसद है कि बीईएल भारतीय सेना के लिए रक्षा और बचाव क्षमता को बढ़ाने के लिए ऑटोमैटिक एयर डिफेंस कंट्रोल को विकसित करने पर काम करेगी. रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट का नाम आकाशतीर रखा है जो कि भारतीय सेना को तकनीकी रूप से आगे ले जाएगा. 

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तीनों सेनाएं मिलकर करेंगी काम

रिपोर्ट्स के अनुसार आकाशतीर प्रोजेक्ट के तहत भारतीय सेना और वायुसेना एक कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनेंगे. इसके चलते आकाशतीर प्रोजेक्ट के सिस्टम को सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा. इसीलिए यह भारतीय मिलिट्री का इंटिग्रेटेड फ्यूचर माना जाता है. इसकी खास बात यह है कि तीनों सेनाएं आपस में मिलकर काम करेंगी और दुश्मन पर एक साथ हमला कर सकेंगी. 

कैसे काम करेगी तकनीक

इस तकनीक की बात करें तो जमीन पर भारतीय सेना और वायुसेना के रडार्स तैनात रहेंगे और उनसे आकाशतीर प्रोजेक्ट का कंट्रोल सेंटर जुड़ा रहेगा. बता दें कि कंट्रोल सेंटर को सैटेलाइट्स और अवॉक्स से रिपोर्ट मिलती रहेगी.

इसके चलते जैसे ही सिस्टम दुश्मन टारगेट, मिसाइल, जेट आदि दिखेगा और उसके साथ अलर्ट जारी करेगा. इसके बाद तत्काल SAM मिसाइलों, रॉकेटों और वायुसेना एक्टिव हो जाएंगे. इसके बाद फाइटर जेट्स को खदेड़ने के लिए वायुसेना के विमान उड़ पड़ेंगे. 

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क्या होगा इस प्रोजेक्ट का फायदा

इस नई तकनीक के सिस्टम के फायदे की बात करें तो प्रोजेक्ट आकाशतीर,  IACCS और त्रिगुण के मिलने के बाद कोस्ट गार्ड, कस्टम्स, जासूसी संस्थाएं, बंदरगाह अथॉरिटी समेत कई संस्थानों को फायदा होगा. इसके अलावा जमीन पर सर्विलांस नेटवर्क रडार, स्पेस आधारित ऑटोमैटिक आईडेंटिफिकेशन सिस्टम, वेसल मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए आसानी अपनी सीमाओं पर नजर रखी जा सकेगी. 

अन्य फायदों की बात करें तो तीनों सेनाओं के बीच सिक्योर कम्यूनिकेशन लाइन विकसित होगी. किसी मिशन या ऑपरेशन के दौरान कॉर्डिनेशन ज्यादा आसान हो जाएगा. तीनों सेनाओं को दुश्मन की पहचान, आने के समय, गति आदि की जानकारी एक साथ मिलेगी. 

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हवा में खत्म हो जाएंगे दुश्मन

जानकारी के मुताबिक वायुसेना अपने इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) भारतीय सेना के प्रोजेक्ट आकाशतीर से जोड़ेगा और सीमा पर निगरानी आसान हो जाएगी. यह हवा से जमीन और जमीन से हवा में हमला कर सकेगा. फिर वायुसेना के फाइटर जेट दुश्मन की ओर तेजी से हमला करेंगे और हवा में दुश्मन को खत्म कर देंगे. 

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