डीएनए हिंदी: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana HC) ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि शादीशुदा होने के बावजूद अगर कोई व्यक्ति दूसरी महिला के साथ लिव इन रिलेशन (Live-in Relationship) में सुरक्षा के लिए याचिका दाखिल करता है तो उसे अपनी पूरी संपत्ति की जानकारी देनी होगी.
संपत्ति की जानकारी देना होगा जरूरी
कोर्ट ने कहा, दूसरी महिला के साथ सहमति से संबंध बनाने या शादी करने के मामले में सुरक्षा बहुत जरूरी है. इसके लिए याचिका दाखिल करते हुए अब अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य होगा. साथ ही यह भी बताना होगा कि पूर्व के साथी और बच्चों के गुजारे का उन्होंने क्या इंतजाम किया है.
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'पत्नी-बच्चों को भगवान के भरोसे नहीं छोड़ सकता कोर्ट'
हाई कोर्ट (High Court) ने कहा कि जब व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर किसी और के साथ रहने के लिए सुरक्षा मांगता है तो कोर्ट पत्नी और बच्चों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकता. अदालत उनकी संरक्षक है और ऐसे में उनका पालन अच्छा कैसे हो और कैसे बच्चों को अच्छी परवरिश के अभाव में अपराधी बनने से रोका जाए, यह देखना अदालत का काम है.
जानकारी के बिना सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर नहीं होगी सुनवाई
इसके मद्देनजर हाई कोर्ट ने अब एक फरवरी 2022 से पूर्व में विवाहित जोड़े को सुरक्षा की याचिका के साथ चल-अचल संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. साथ ही यह भी बताना होगा कि अन्य महिला के साथ संबंध में रहते हुए कैसे वह व्यक्ति पूर्व की पत्नी और बच्चों का पालन सुनिश्चित करेगा. इस जानकारी के बिना सुरक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं होगी.