डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 12, तुगलक लेन बंगले को पूरी तरह से खाली कर दिया है. उन्होंने सरकारी आवास से सारा सामान निकाल लिया है और आधिकारिक आवास की चाबियां लोकसभा सचिवालय को सौंप दी है. वह करीब 2 दशक से इस बंगले में रह रहे हैं.
मोदी सरनेम केस में जब उन्हें 2 साल के कैद की सजा मिली तो एक कानून की वजह से उन्हें लोकसभा सदस्यता भी गंवानी पड़ी. अब राहुल गांधी, बेघर हो गए हैं. दिल्ली में उनके पास घर नहीं है. राहुल गांधी ने कहा है कि उन्हें सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ी है.
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बंगला खाली करने के बाद क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने कहा, 'हिंदुस्तान के लोगों ने मुझे 19 साल तक यह घर दिया, मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। यह सच बोलने की कीमत है. मैं सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं.'
राहुल गांधी ने अब तक आवास रहे बंगले की चाबी प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल और सोनिया गांधी की मौजूदगी में लोकसभा सचिवालय के अधिकारी को सौंप दी. राहुल गांधी को आवास देने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता 'मेरा घर, आपका घर' मुहिम भी चला रहे थे.
क्या है मोदी सरनेम केस, जिसमें राहुल गांधी ने गंवाया पद
सूरत की एक कोर्ट ने 23 मार्च को मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को 2 साल की कैद की सजा सुनाई थी. उन पर 15,000 रुपये का फाइन लगाया गया था. राहुल गांधी ने कहा था सभी चोरों के सरनेम में मोदी क्यों होता है. इस बयान पर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने केस दर्ज करा दिया था. कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी मान लिया.
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राहुल गांधी को क्यों खाली करना पड़ा बंगला ?
राहुल गांधी, जनप्रतिनिधि कानून की वजह से अपना पद गंवा बैठे हैं. किसी भी विधायक या सांसद को अगर 2 साल की कैद मिली है तो उसकी लोकसभा सदस्यता खारिज हो जाती है. राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय ने अयोग्य ठहरा दिया था. एक अयोग्य सांसद सरकारी आवास का हकदार नहीं होता है और उसे अपना आधिकारिक आवास खाली करने के लिए एक महीने की अवधि मिलती है. राहुल गांधी ने यह अवधि पूरी कर ली है.
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