डीएनए हिंदी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारियों में उतर गए हैं. 10 और 12 अक्टूबर को चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर जनसभा को संबोधित करेंगे. मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल नवंबर में चुनाव होने हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जहां राज्य में अपनी सरकार बरकरार रखने का प्रयास कर रही है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस सत्ता में लौटने की कोशिशों में जुटी है.
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने कहा, 'कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 10 अक्टूबर को शहडोल जिले के ब्योहारी में एक रैली को संबोधित करेंगे. वहीं, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी 12 अक्टूबर को मंडला में एक जनसभा को संबोधित करेंगी. कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमल नाथ भी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ दोनों जनसभाओं को संबोधित करेंगे. हाल के दिनों में मध्य प्रदेश में प्रियंका की यह चौथी रैली होगी. पांच अक्टूबर को उन्होंने धार जिले के मोहनखेड़ा में एक रैली को संबोधित किया था.'
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मध्य प्रदेश में माहौल तैयार कर चुकी हैं प्रियंका
प्रियंका गांधी जबलपुर और ग्वालियर में रैलियों को संबोधित कर चुकी हैं. शहडोल में राहुल की रैली 30 सितंबर के बाद राज्य में उनकी दूसरी जनसभा होगी. इससे पहले उन्होंने शाजापुर जिले में एक रैली को संबोधित किया था. पिछले साल उनकी 'भारत जोड़ो यात्रा' भी राज्य से गुजरी थी. अपनी मोहनखेड़ा रैली के दौरान प्रियंका ने कांग्रेस की गारंटी दोहराई थी और जातिगत जनगणना की वकालत की थी. उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप भी लगाया था.
एमपी के लिए कांग्रेस ने की है कई घोषणाएं
कांग्रेस ने कई वादे किए हैं, जिनमें मुफ्त और रियायती बिजली उपलब्ध कराना, पुरानी पेंशन योजना बहाल करना, कृषि ऋण माफा करना और महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देना शामिल है. कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी से ज्यादा सियासी वादा किया है. बीजेपी को कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में इन योजनाओं का लाभ मिल चुका है. इन्हें भुनाने की कोशिश मध्य प्रदेश में भी की जाएगी.
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एंटी इनकंबेंसी फैक्टर भी होगा हावी, BJP के लिए भी लड़ाई मुश्किल
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से कमल नाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 109 सीटें हासिल हुई थीं. हालांकि, कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार 15 महीने बाद गिर गई थी, जब कांग्रेस विधायकों का एक वर्ग, जिनमें से अधिकांश केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति वफादार थे, पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. मार्च 2020 में भाजपा मध्य प्रदेश की सत्ता में लौट आई और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बने. (इनपुट: भाषा)
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