राज ठाकरे ने बर्थडे केक पर लगवाया औरंगजेब का फोटो, गले से काटकर बता दिया अपना स्टैंड, देखें VIDEO

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 14, 2023, 02:38 PM IST

Raj Thackeray अपने बर्थडे पर काटे गए औरंगजेब के फोटो वाले केक के साथ.

Raj Thackeray Birthday: मनसे प्रमुख राज ठाकरे हिंदूवादी राजनीति करते हैं, लेकिन औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हुए दंगों पर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया था. अब उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.

डीएनए हिंदी: Maharashtra News- महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने बुधवार को अपना 55वां जन्मदिन अनूठे अंदाज में मनाया है. महाराष्ट्र की राजनीति में गर्मी का सबब बन रहे मुगल बादशाह औरंगजेब से जुड़े विवाद पर अब तक चुप दिखे राज ने बुधवार को बर्थडे केक के जरिये अपना रुख स्पष्ट कर दिया. उन्होंने औरंगजेब का फोटो लगे बर्थडे केक में सीधे मुगल बादशाह के गले पर चाकू घोंपकर बिना कुछ कहे ही दिखा दिया कि वह इस मुद्दे पर किस तरह से सोच रहे हैं. 

भारी संख्या में राज को बधाई देने पहुंचे थे मनसे कार्यकर्ता

राज ठाकरे के जन्मदिन के मौके पर बधाई देने के लिए भारी संख्या में मनसे कार्यकर्ता उनके निवास पर जमा हुए थे. इसी दौरान कुछ कार्यकर्ता उनके सामने एक बड़ा सा केक लेकर आए. इस केक पर मुगल बादशाह औरंगजेब की तस्वीर छपी हुई थी. कार्यकर्ताओं ने राज ठाकरे से इस केक को काटकर बर्थडे का जश्न मनाने का आग्रह किया. कार्यकर्ताओं के आग्रह पर राज ठाकरे ने छुरी उठाई और सीधी केक पर बने मुगल बादशाह के फोटो के गले में घोंप दी. इसके बाद गले को काटने वाले अंदाज में उन्होंने छुरी चलाई और जन्मदिन का जश्न मनाने के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को भी इस मुद्दे पर पार्टी के रुख का संकेत दे दिया.

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हिंदूवादी राजनीति करने वाले राज थे अब तक चुप

औरंगजेब के मुद्दे पर महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ताधारी और विरोधी दल लगातार एक-दूसरे पर कमेंट कर रहे हैं. हिंदूवादी राजनीति करने वाले राज ठाकरे अब तक इस मुद्दे पर चुप ही दिखाई दिए थे, लेकिन बुधवार को उन्होंने केक काटने से ही अपने रुख की जानकारी सभी को दे दी है. साथ ही ये भी बता दिया है कि इस मामले में वह किस तरह का कड़ा रुख अपनाएंगे.

क्या है औरंगजेब से जुड़ा ताजा विवाद

महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में औरंगजेब और टीप सुल्तान के महिमा मंडन के खिलाफ 7 जून को प्रदर्शन और बंद के आह्वान पर हिंसा भड़क गई थी. बाद में यह हिंसा महाराष्ट्र के कई शहरों में भी फैल गई थी. विपक्षी दल इसके लिए सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) गठबंधन पर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि कर्नाटक में हार से घबराई भाजपा महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव भड़काना चाहती है. हालांकि भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है.

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