डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र नवनिर्माण के अध्यक्ष (MNS) राज ठाकरे (Raj Thackeray) पिछले लगभग एक महीने से लाउडस्पीकर विवाद के चलते चर्चा में हैं. ऐसे में अब वो एक मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं. उनकी रैली से पहले प्रशासन काफी सख्त है. अजान वर्सेंज हनुमान चालीसा विवाद (Azan vs Hanuman Chalisa Conflict) के बीच राज ठाकरे की इस रैली को बेहद अहम माना जा रहा है. वहीं प्रशासन ने रैली की इजाजत तो दी है लेकिन कई बड़ी शर्तें भी लगा दी हैं.
शर्तों के साथ मिली इजाजत
राज ठाकरे (Raj Thackeray) की रैली औरंगाबाद में कर्फ्यू के दौरान होगी. जिला प्रशासन ने 9 मई तक पाबंदिया लगा दी है. 1 मई को जनसभा दोपहर 4.30 बजे से लेकर 9.45 तक आयोजित हो सकेगी और आयोजन स्थल और समय नहीं बदला जाएगा. कार्यक्रम में शामिल होने वाले नागरिक अपने आप ही अनुशासित रहेंगे. साथ ही यह भी जरूरी है कि बैठक के दौरान या बाद में किसी भी तरह के आपत्तिजनक नरेबाजी, दंगे या गलत व्यवहार न हो. कार्यक्रम में शामिल होने वाले वाहनों को पुलिस की तरफ से तय किए गए रास्तों से जाना होगा और लेन बदलने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा शहर में प्रवेश के दौरान इन वाहनों को तय स्पीड लिमिट का पालन करना होगा.
बेहद सख्त हैं प्रशासन के नियम
जिला प्रशासन ने कार्यक्रम के आयोजन स्थल पर अधिकतम 15 हजार लोग शामिल हो सकते हैं. ऐसे में 15 हजार लोगों को ही कार्यक्रम में बुलाया जाना चाहिए. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ज्यादा लोगों को आमंत्रित करने पर होने वाली असुविधा के लिए आयोजक ही जिम्मेदार होंगे. Raj Thackeray की इस रैली के आयोजन के दौरान आर्म्स एक्ट का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. ईवेंट के दौरान कोई भी हथियार, तलवार, विस्फोटक चीजों का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए.
प्रशासन के नियम के अनुसार मीटिंग के दौरान इस बात को सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि किसी व्यक्ति या समुदाय का अपमान न हो. वहीं, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. ऐसा होने पर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल की जेल और 1 लाख रुपये जुर्माना हो सकता है. इनके अलावा भी पुलिस जांच, बैरिकेड, वाहन पार्किंग, यातायात समेत कई चीजों को लेकर नियम जारी किए गए हैं.
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क्यों अहम है औरंगाबाद की रैली
आपको बता दें कि पिछले एक महीने से राज ठाकरे (Raj Thackeray) लगातार मस्जिदों में लाउडस्पीकरों से होने वाली अजान पर आपत्ति जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने इन लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार को 3 मई यानी ईद के बाद का अल्टीमेटम दे रखा है. ऐसे में संभावनाएं है कि अपने आगे के प्लान को लेकर राज ठाकरे औरंगाबाद की रैली से कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं जिसके चलते इस रैली को अहम माना जा रहा है.
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