Rajasthan Election 2023: राजस्थान की इस सीट पर सबकी नजर, कांग्रेस का टिकट करा सकता है पति-पत्नी का 'गृह क्लेश'

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 25, 2023, 06:59 PM IST

Congress MLA Virender Singh and His Wife Reeta Chaudhary. (File Photo)

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की दांतारामगढ़ सीट पर कांग्रेस ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. यहां से कांग्रेस के वीरेंद्र सिंह मौजूदा विधायक हैं, जिन्हें फिर से टिकट मिल सकता है.

डीएनए हिंदी: Rajasthan News- राजस्थान में विधानसभा चुनाव में एक-एक सीट की जंग बेहद रोमांचक होती जा रही है. वहीं ऐसी भी सीटें सामने आ रही हैं, जिन पर होने वाली भिड़ंत चर्चा में बाकी सभी सीटों को पीछे छोड़ सकती है. ऐसी ही दांतारामगढ़ विधानसभा सीट है, जिस पर इस समय सभी की निगाहें लगी हुई हैं. इस सीट पर यदि कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को ही उम्मीदवार के तौर पर बरकरार रखा तो चुनावी भिड़ंत 'घरेलू क्लेश' बन सकती है, क्योंकि तब इस सीट पर  विधायक बनने के लिए पति-पत्नी के बीच आमने-सामने की भिड़ंत होती दिखाई देगी.

कांग्रेस के मौजूदा विधायक की पत्नी है जेजेपी की उम्मीदवार

दांतारामगढ़ सीट पर फिलहाल कांग्रेस के वीरेंद्र सिंह विधायक हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर अब तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. तय संभावना मानी जा रही है कि कांग्रेस इस सीट से वीरेंद्र सिंह को ही फिर से उतारने की तैयारी कर रही है. लेकिन वीरेंद्र सिंह के टिकट की घोषणा से पहले एक अनूठी बात ये हुई है कि हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) ने दांतारामगढ़ सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. जेजेपी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर रीटा चौधरी को इस सीट पर टिकट दिया है. रीटा चौधरी मौजूदा कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह की ही पत्नी हैं और अब तक कांग्रेस की सक्रिय नेता भी रही हैं. अगस्त में रीटा चौधरी जेजेपी में शामिल होकर महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनी थीं. उसी समय उनके चुनावी समर में उतरने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. अब रीटा चौधरी को टिकट देकर जेजेपी ने कांग्रेस और वीरेंद्र सिंह, दोनों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है.

कांग्रेस के दिग्गजों में है वीरेंद्र सिंह का परिवार

दांतारामगढ़ सीट के विधायक वीरेंद्र सिंह का परिवार पक्का कांग्रेसी माना जाता है. वीरेंद्र सिंह से पहले उनके पिता नारायण सिंह कांग्रेस के टिकट पर 7 बार विधायक चुने गए थे. नारायण सिंह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वीरेंद्र सिंह की पत्नी रीटा चौधरी भी कांग्रेस की ही नेता थीं, लेकिन वे खुद विधायक बनना चाहती हैं. रीटा चौधरी ने साल 2018 में भी अपने पति की जगह दांतारामगढ़ सीट से कांग्रेस टिकट पर दावा ठोका था. उस समय उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई थी. इस बार भी उन्हें टिकट मिलने की संभावना नहीं लग रही थी. इस कारण उन्होंने ऐन मौके पर पाला बदल लिया है.

पति-पत्नी की लड़ाई में लाभ भाजपा को होगा

दांतारामगढ़ सीट पर जेजेपी के रीटा चौधरी को टिकट देने से भाजपा को लाभ होता दिख रहा है. दरअसल इस सीट पर यदि वीरेंद्र सिंह और रीटा चौधरी आमने-सामने उतरे तो सीधे तौर पर कांग्रेस के वोट कटेंगे. रीटा चौधरी का जनाधार भी वही है, जो वीरेंद्र सिंह का है. रीटा चौधरी द्वारा वीरेंद्र सिंह के वोट काटे जाने की स्थिति में भाजपा उम्मीदवार के जीत हासिल करने के चांस बढ़ जाएंगे.

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