सचिन पायलट ने नहीं मानी है हार, गहलोत को साफ संदेश- संकल्प पर रहेंगे अडिग

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 17, 2023, 05:06 PM IST

राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट.

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी खींचतान खत्म नहीं हो रही है. मध्यस्थता के सारे उपाय बेकार जा रहे हैं.

डीएनए हिंदी: राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी सियासी जंग थमती नजर आ नहीं आ रही है. पार्टी के दिग्गज नेताओं का साथ भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिल गया हो लेकिन सचिन पायलट हार नहीं मानने के मूड में हैं. सचिन पायलट ने अपने समर्थकों को साफ संदेश दिया है कि अपने संकल्प पर अडिग रहना है, किसी भी हाल में अपनी मांग से डिगना नहीं है. 

जयपुर के पास शाहपुरा खोरी गांव में सीताराम यज्ञ चल रहा है. सचिन पायलट इस यज्ञ में पहुंचे और लोगों से कहा कि सच की राह में मुश्किलें आएंगी लेकिन हमें साथ चलना है. उन्होंने इशारे-इशारे में गहलोत सरकार की जमकर आलोचना की.

सचिन पायलट ने कहा, 'हमें सच्चाई की राह पर चलना चाहिए. सच्चाई का रास्ता लंबा है, कठिन है, मुश्किलों से भरा है, गतिरोध पैदा होंगे लेकिन हमें आगे बढ़ना है. सत्य की लड़ाई लड़नी है, विश्वास बनाए रखना है और सब लोगों को साथ लेकर चलना है.'

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'संकल्प पर रहना है अडिग, हमें नहीं फंसना है'

सचिन पायलट ने कहा है, 'जो संत-महात्मा ज्यादा त्याग और तपस्या करते हैं, अध्यात्म करते हैं, वे ज्यादा प्रसिद्ध होते हैं. राजनीति में भी जो व्यक्ति ज्यादा मेहनत करेगा, वही लोगों के दिलों में राज करेगा.  हर व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आते हैं. समय कैसा भी हो साथियों, अपने विश्वास और संकल्प पर हमें अडिग रहना है. कोई बहलाएगा कोई फुसलाएगा कोई झूठ बोलेगा लेकिन हमें अपनी अंतरात्मा को सुनना है.'

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'लड़ाई लगवाना 30 सेकेंड का काम, प्रेम मुश्किल'

सीताराम यज्ञ में हुई आहुति का जिक्र करते हुए सचिन पायलट ने कहा, 'हम यहां आहुति दे रहे हैं. पर्यावरण की शुद्धि की बात कर रहे हैं. समाज, प्रदेश और देश को शुद्ध करने की बात कह रहे हैं. कुरीतियां मिट जाएं लेकिन मानवता के निर्माण में सच्चाई, एकता, एक-दूसरे पर विश्वास करना भाई चारा बनाना, प्रेम मोहब्बत कराना कठिन काम है. आपस में झगड़ा कराना दो मिनट का काम है. अफवाह फैलाना, झूठ बोलना और लड़ाई लगवाना 30 सेकेंड का काम है. सच बोलना, सच के लिए संघर्ष करना, अपने जीवन से उदाहरण देना, आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है.'

क्या थम जाएगी सचिन पायलट-अशोक गहलोत की जंग?

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी जंग, का हश्र मध्य प्रदेश जैसा होता नजर आ रहा है. राजस्थान में अपना पद छोड़ने के लिए अशोक गहलोत तैयार नहीं हैं. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मध्यस्थता के सारे रास्ते बंद नजर आ रहे हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे मध्यस्थता के लिए कमलनाथ को आगे लाए हैं लेकिन सुलह की राह बनती नजर नहीं आ रही है.

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