Rajasthan: खेत में टिटहरी ने दिए 4 अंडे, किसानों के चेहरों पर आई मुस्कान, कहा- इस बार जमकर होगी बारिश

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 07, 2022, 01:48 PM IST

मौसम विभाग के अनुसार, जयपुर और अजमेर संभाग के कुछ हिस्सों में बादलों की आवाजाही और धूलभरी हवाओं के चलते तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिलेगी.

डीएनए हिंदी: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के माखर गांव निवासी विश्वनाथ शर्मा के खेत की मेड पर टिटहरी ने चार अंडे दिए हैं. इसके बाद से ही माना जा रहा है कि यहां चार महीने तक अच्छी बरसात हो सकती है. दरअसल, ग्रामीणों की मान्यता है कि चार अंडे अच्छे मानसून का संकेत हैं. मामले को लेकर बगड़ निवासी किसान शिव कुमार स्वामी का कहना है कि पक्षियों का पूर्वानुमान कोई अंधविश्वास नहीं होता बल्कि उन्हें मौसम की अच्छी जानकारी होती है तो वहीं, एक अन्य किसान ओमप्रकाश सैनी ने कहा, हमारे पिता, दादा व परदादा पक्षियों के पूर्वानुमान से मानसून का अंदाजा लगा लेते थे.

बता दें कि नौतपा खत्म होने के बाद भी प्रदेश में भीषण गर्मी और उमस पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही है. दिन में जहां सूर्य की तपीश लोगों को जमकर सता रही है तो वहीं रात की उमस ने भी लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं. बीते 24 घंटों में प्रदेश के करीब सभी जिलों में दिन का तापमान 43 डिग्री के पार दर्ज किया गया. इसके साथ ही 46.7 डिग्री के साथ श्रीगंगानगर में सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया. 

हालांकि, अब यहां के लोगों को गर्मी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है. मौसम विभाग के अनुसार, जयपुर और अजमेर संभाग के कुछ हिस्सों में बादलों की आवाजाही और धूलभरी हवाओं के चलते तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिलेगी. इस दौरान कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की भी संभावना है. 

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मौसम विभाग ने इस साल के मानसून सीजन में सामान्य बारिश (96-104 फीसदी) होने की संभावना जताई है. राजस्थान में चार महीने के सीजन में औसत बरसात 415 एमएम होती है. बीते साल औसत बारिश 485.30 एमएम हुई थी, जो सामान्य से 17 फीसदी ज्यादा थी.

मौसम विभाग ने इस बार राजस्थान के उत्तर-पूर्वी हिस्से के बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर और चूरू में बारिश सामान्य से कम होने, जबकि दक्षिण-पूर्वी हिस्से के कोटा, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, झुंझुनूं, जयपुर, दौसा, धौलपुर, बारां, बूंदी, टोंक, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर में सामान्य से थोड़ी अधिक होने की संभावना जताई है. केरल में मानसून के आने के बाद राजस्थान तक इसे पहुंचने में औसतन 20 या 22 दिन का समय लगता है. अनुमान है कि राजस्थान में मानसून समय से एक सप्तााह पहले 16 से 18 जून के बीच आ सकता है.

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