डीएनए हिंदी: Ram Mandir Pran Pratishtha Updates- अयोध्या में रामलला की राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. ऐसे में नेपाल सरकार का 57 साल पुराना पोस्टेज स्टैंप (डाक टिकट) वायरल हो रहा है. प्रभु श्रीराम और माता सीता की तस्वीर वाले इस स्टैंप में साल 2024 दर्शाया गया है यानी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का साल. राम नवमी (प्रभु राम का अवतरण दिवस) पर 18 अप्रैल, 1967 को जारी हुए इस स्टैंप में दिए इस साल के कारण ही यह चर्चा का विषय बन गया है. लोग पूछ रहे हैं कि क्या नेपाल को 57 साल पहले ही यह पता चल गया था कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कब होगी? आइए आपको बताते हैं कि संयोग का कारण क्या है.
विक्रम संवत और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अंतर से हुआ है ऐसा
हम सभी जानते हैं कि रोजाना की जिंदगी में हम लोग जिस कैलेंडर के हिसाब से दिन-तारीख तय करते हैं, वो ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) कहा जाता है. इसे हम अंग्रेजी कैलेंडर भी कहते हैं. इसके उलट हिंदू धर्म के तीज-त्योहार विक्रम संवत के हिसाब से तय किए जाते हैं, जिसे हम लोग हिंदू कैलेंडर भी कहते हैं. विक्रम संवत भारत के अधिकांश हिस्से में मान्य है और नेपाल में भी इस कैलेंडर की ही धार्मिक आयोजनों के लिए मान्यता है. विक्रम संवत ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुकाबले 57 साल आगे चल रहा है. इन दोनों कैलेंडर के अंतर के कारण ही नेपाली पोस्टल स्टैंप और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साल की समानता का संयोग बना है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जब ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से नेपाल ने 1967 में पोस्टल स्टैंप जारी किया था तो उस साल विक्रम संवत के हिसाब से साल 2024 ही चल रहा था. इसी कारण 1967 में जारी हुए स्टैंप पर 2024 लिखा गया था.
नेपाल से आए हैं 'दामाद जी' के लिए 3000 से ज्यादा उपहार
प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह जनकपुर में हुआ था, जो अब नेपाल में मौजूद है. माता सीता के इस मायके से अपने 'दामाद जी' यानी रामलला के अभिषेक के लिए उपहार भेजे गए हैं. जनकपुर से अयोध्या 3,000 से ज्यादा उपहार भेजे गए हैं, जिनमें चांदी के जूते से लेकर माता सीता के लिए खास साड़ी और गहने भी शामिल हैं.
56 इंच के ड्रम से शेर की गर्जना करेगी रामलला का स्वागत
रामलला को राम मंदिर के भव्य गर्भगृह में स्थापित करने से पहले उनका स्वागत शेर की गर्जना करेगी. 550 साल बाद अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे भव्य समारोह के लिए अहमदाबाद से एक खास ड्रम आया है. 56 इंच लंबे इस ड्रम को बजाने पर शेर की गर्जना जैसी आवाज सुनाई देगी. इस ड्रम के साथ अयोध्या में जुलूस निकाला गया है. अब इसे मंदिर में रखा जाएगा.
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