'महिला विरोधी है भाजपा, सीता की नहीं हमेशा राम की बात करती है' Ram Mandir को लेकर ममता ने कसा तंज

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 22, 2024, 10:01 PM IST

Mamta Banerjee on BJP: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बुलावा मिलने के बावजूद इसमें शामिल नहीं हुई हैं. उन्होंने इसके बदले कोलकाता में सर्वधर्म रैली निकाली है.

डीएनए हिंदी: Mamta Banerjee Ayodhya Ram Mandir Latest News- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा पर तीखा जुबानी हमला किया है. तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी न्योता मिलने के बावजूद अयोध्या नहीं गईं. इसके बजाय उन्होंने कोलकाता में सर्वधर्म रैली (Sanhati rally) में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए भगवा दल को महिला विरोधी पार्टी (Anti-Women Party) बताया, क्योंकि वह केवल भगवान राम की बात करती है, देवी सीता की नहीं. ममता ने कहा, भाजपा हमेशा भगवान राम के बारे में बात करती है, लेकिन देवी सीता को भूल जाती है, क्योंकि यह पार्टी महिला विरोधी है. 

अयोध्या के उत्सव के दौरान भाजपा की प्राथमिकताओं पर उठाए सवाल

ममता बनर्जी ने यह कमेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन करने और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता करने के कुछ ही घंटे बाद आया है. बनर्जी ने चिंतित अंदाज में कहा कि वह पूरे देश में तेजी से बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी को लेकर गहरी चिंता में हैं. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा टैक्सपेयर्स के पैसे के उपयोग में पारदर्शिता लाए जाने की भी मांग की.

TMC ने अपनी रैली को बताया अनेकता में एकता का प्रतीक

TMC ने अपनी Sanhati rally को विभिन्न धार्मिक विश्वासों के बीच एकता का प्रतीकता बताया है. ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में आयोजित रैली अपनी राह में आने वाले मस्जिद, मंदिर, चर्च और गुरुद्वारे से होकर गुजरी. इस इवेंट के आयोजन का मकसद विभिन्न धर्मों के बीच एकता और समावेशिता का प्रदर्शन करना था.

पीएम मोदी ने अयोध्या राम मंदिर का बताया है सद्भभाव का प्रतीक

इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उसे सामुदायिक सद्भाव का प्रतीक बताया. पीएम मोदी ने कहा, यह पल केवल जश्न का नहीं बल्कि भारतीय समाज की परिपक्वता दिखाने का भी है. यह महज जीत का नहीं विनम्रता का भी आयोजन है. वैश्विक इतिहास खुद में सबूत है कि बहुत सारे देश अपने खुद के इतिहास में उलझकर रह गए और ऐसे देशों ने जब भी अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश की, उन्हें परेशानियां उठानी पड़ी हैं. लेकिन हमारे देश ने जिस तरह इतिहास से अपना नाता तोड़ा है, यह इस बात का सबूत है कि हमारा भविष्य हमारे बीते हुए कल से ज्यादा खूबसूरत होगा. 

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