Ram Mandir की फोटो एडिट कर लगाया पाकिस्तानी झंडा और बता दी बाबरी मस्जिद, पहुंच गया जेल

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 22, 2024, 08:48 PM IST

अयोध्या नगरी में हो रही है दीपोत्सव की तैयारी.

Karnataka News: राम मंदिर की फोटो एडिट करने के बाद कर्नाटक के गडग जिले के आरोपी ने उसे फेसबुक पर पोस्ट कर दिया था, जिससे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता था.

डीएनए हिंदी: Ayodhya Ram Mandir Latest News- अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न पूरे देश में सभी समुदायों के लोगों ने भरपूर उत्साह के साथ मनाया है. दूसरी तरफ, कुछ लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने इस मौके पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की भी कोशिश की है. ऐसे ही एक व्यक्ति को कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया है. कर्नाटक के गडग जिला निवासी इस व्यक्ति ने पाकिस्तान का झंडा लगी और नीचे बाबरी मस्जिद लिखी राम मंदिर की एडिटेड फोटो फेसबुक पर पोस्ट कर दी थी, जिसकी शिकायत पुलिस से की गई. इसके बाद पुलिस ने सोमवार को पोस्ट अपलोड करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है.

भगवा झंडे की जगह फोटो एडिटिंग से लगाया था पाकिस्तानी झंडा

India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक पर अपलोड की गई राम मंदिर की फोटो को किसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से एडिट किया गया था. राम मंदिर के ऊपर भगवा झंडे को एडिटिंग के जरिये रिमूव करने के बाद पाकिस्तानी झंडा पेस्ट किया था. साथ ही फोटो के नीचे लिखा गया था 'बाबरी मस्जिद'. गडग के हिंदूवादी संगठन इस फोटो के वायरल होने पर भड़क गए थे. उन्होंने कर्नाटक पुलिस को इस बारे में शिकायत सौंपी थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम ताजुद्दीन दफेदार है. उसके द्वारा अपलोड फोटो डिलीट करा दी गई हैय

गलती से शेयर करने की बात कही

गडग के पुलिस अधीक्षक बाबासाब नेमागौड़ के मुताबिक, आरोपी दफेदार गडग का ही स्थानीय निवासी है. हमने उसे हिरासत में ले लिया है और जांच कर रहे हैं कि वह किस संगठन से जुड़ा हुआ है. पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया है. उसने कहा है कि यह फोटो किसी ने उसे भेजा था, जो गलती से फेसबुक पर शेयर हो गया है. नेमागौड़ के मुताबिक, मामले की जांच अभी जारी है.

बाबरी मस्जिद नाम से भड़क सकती थीं भावनाएं

बता दें कि राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद ही करीब 550 साल पहले मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बकी ने वहां बाबरी मस्जिद बनवाई थी. इस मस्जिद के ढांचे को 1991 में राम मंदिर आंदोलन चला रहे उत्तेजित कारसेवकों ने गिरा दिया था. इसके बाद चली कानूनी लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर बना है. इस मंदिर में 22 जनवरी यानी सोमवार को फिर से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. ऐसे में राम मंदिर को बाबरी मस्जिद बताने से लोगों में सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करने के पीछे आरोपी का मकसद जन भावनाएं भड़काना लग रहा है.

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