डीएनए हिंदी: स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरित मानस के बारे में विवादित टिप्पणी कर बुरी तरह फंस गए हैं. उनके खिलाफ FIR दर्ज के 3 महीने के बाद हजरतगंज पुलिस ने नेता के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है. स्वामी प्रसाद मौर्य हर बाद रामचरित मानस को निशाना बनाकर समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर देते हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ऐसे कई करोड़ लोग मौजूद हैं जिन्होंने रामचरितमानस नहीं पढ़ा है या नहीं पढ़ा है. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटिश काल था जिसने दलितों को पढ़ने और लिखने का अधिकार दिया और महिलाओं को ब्रिटिश राज के तहत साक्षर होने का अधिकार मिला.
क्यों मुश्किल में फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरित मानस बकवास ग्रंथ है. उन्होंने सरकार से रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्से को मिटाने या पूरी किताब पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी. उनके मुताबिक रामचरित मानस 'शूद्रों' को नीची जाति का दर्जा देता है. साथ ही उन्होंने कहा कि तुलसीदास ने ग्रंथ अपनी प्रसन्नता के लिए लिखा था.
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किन धाराओं में चलेगा उनके खिलाफ केस?
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ IPC की कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है. उनके खिलाफ IPC की धारा, 295ए 298, 504 और 153ए लगाया गया है. उन पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने, जानबूझकर नफरत फैलाने और शांतिभंग जैसे आरोप हैं. अब कोर्ट में समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
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