ED ने कब्जे में लिए Rana Ayyub के 1.77 करोड़ रुपये, जानिए क्या है पूरा मामला

पुष्पेंद्र शर्मा | Updated:Feb 10, 2022, 11:02 PM IST

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ईडी ने सितंबर में यूपी पुलिस की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर पिछले साल जांच शुरू की थी.

डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को मनी लॉ​न्डरिंग के आरोप में पत्रकार राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपये अटैच किए. ईडी अधिकारियों के अनुसार, अय्यूब ने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए जुटाए डोनेशन का सही इस्तेमाल नहीं किया.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अय्यूब पर निजी खर्चों के लिए चंदे के तौर पर मिले पैसे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. 

सितंबर में शुरू हुई जांच
ईडी ने सितंबर में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर पिछले साल अय्यूब के खिलाफ जांच शुरू की थी. यूपी पुलिस को अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन ने आरोप लगाया था कि राणा अय्यूब ने केटो पर राहत अभियानों के माध्यम से अवैध रूप से सार्वजनिक धन अर्जित किया. ईडी और आयकर विभाग दोनों इस मामले में वित्तीय लेनदेन की जांच कर रहे हैं. ईडी ने दावा किया है कि अय्यूब को बिना एफसीआरए (विदेशी योगदान नियमन अधिनियम) मंजूरी के विदेशी चंदा मिला. एफसीआरए विदेश से फंडिंग लेने के लिए अनिवार्य है. 

ईडी के आदेश के अनुसार, गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन द्वारा राणा अय्यूब के खिलाफ आईपीसी, सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम और काला धन अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध करने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. राणा अय्यूब ने केटो पर कुल 2,69,44,680 की राशि जुटाई. यह राशि उसकी बहन, पिता के बैंक खातों के जरिए निकाली गई. 

अय्यूब ने 31,16,770 रुपये के खर्च की जानकारी से संबंधित दस्तावेज पेश किए. हालांकि दावा किए गए खर्चों की जांच के बाद यह सामने आया कि वास्तविक खर्च 17,66,970 रुपये ही था. राहत कार्य पर खर्च का दावा करने के लिए कुछ संस्थाओं के नाम पर राणा अय्यूब ने नकली बिल तैयार किए थे. इसके साथ ही हवाई यात्रा के लिए किए गए खर्चों को राहत कार्य के खर्च के रूप में पेश किया गया. 

पीएम केयर्स फंड में भी जमा कराए पैसे
ईडी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि धन पूरी तरह से पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके से चैरिटी के नाम पर उठाया गया था. जिस उद्देश्य से धनराशि जुटाई गई उसका सही इस्तेमाल नहीं किया. जांच से यह भी पता चलता है कि राहत कार्य के लिए पैसे का उपयोग करने के बजाय राणा अय्यूब ने एक अलग करंट बैंक अकाउंट खोलकर इस राशि को उसमें डाल दिया. अय्यूब ने इन पैसों की एफडी भी कराई. उन्होंने पीएम केयर्स फंड और सीएम रिलीफ फंड में कुल 74.50 लाख रुपये जमा किए.

धमकी के आरोप में शख्स गिरफ्तार 
पुलिस ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के भोपाल शहर से 24 वर्षीय एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर पत्रकार राणा अय्यूब को कथित तौर पर हत्या और बलात्कार की धमकी भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया. पुलिस का कहना है कि एक गारमेंट शॉप के सेल्समैन सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने अय्यूब को जान से मारने की धमकी दी थी. अधिकारी ने कहा, उसने अश्लील भाषा का भी इस्तेमाल किया. 

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