डीएनए हिंदी: रेमंड के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन गौतम सिंघानिया का अतीत दागदार रहा है. न उनकी पिता से बनी, न पत्नी से. रेमंड के फाउंडर विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे गौतम सिंघानिया की कभी नहीं बनी. विजयपत कहते हैं कि गौतम ने उन्हें सड़क पर भटकने के लिए छोड़ दिया है. उन्हें परेशान देखकर वह खुश होता है. गौतम सिंघानिया पहले पिता और अब पत्नी नवाज मोदी के साथ विवादों को लेकर चिंता में हैं. उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि गौतम ने उन्हें और बेटी को बहुत मारा है.
विवादों के बीच विजयपत सिंघानिया के लगाए गए आरोप आपको हिलाकर रख देंगे. उन्होंने गौतम सिंघानिया को अपनी विरासत देने पर अफसोस जाहिर किया है. उन्होंने कहा है कि गौतम सिंघानिया उन्हें सड़कों पर भटकते देखकर खुश होता है.
बहू के साथ विवादों पर क्या बोले विजयपत
बिजनेस टुडे के साथ हुए एक इंटरव्यू में विजयपत सिंघानिया ने कहा है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि गौतम ये भी करेगा. उन्होंने कहा, 'ऐसी घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती रहती हैं. लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि मुझे अपने ही परिवार में यह देखना पड़ेगा. जब आप अपने परिवार को इस तरह के तनाव से गुजरते हुए देखते हैं तो उस पर क्या गुजरती है, इसका वर्णन करना मुश्किल है. मैं केवल भगवान से प्रार्थना कर सकता हूं कि वह इन मुद्दों को सुलझाने में मदद करें.'
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'जीते जी कभी न दें बेटे को संपत्ति'
विजयपत सिंघानिया ने अपने जीवन पर एक किताब लिखी है. उनके संबंध गौतम सिंघानिया से कभी ठीक नहीं रहे. उनकी किताब पर विवाद भी हुआ. जब उनसे पूछा गया कि क्या सच में गौतम सिंघानिया और उनके बीच अब तक संबंध सामान्य नहीं है. उन्होंने जवाब भी दिया. उन्होंने कहा, 'जहां तक मुझे पता है मैंने जो लिखा है वो बिल्कुल सच है. कोई भी मेरी पुस्तक की किसी भी सामग्री को चुनौती नहीं दे सकता. मैं पिताओं को अपना धन बेटों को देने से मना नहीं कर रहा लेकिन अगर देना ही है तो मरने के बाद देना. अपने जीवनकाल में इसे न दें क्योंकि इसकी बड़ी कीमत आपको चुकानी पड़ सकती है.'
बहू का साथ देंगे गौतम सिंघानिया
बहू नवाज मोदी के साथ बिगड़े संबंधों पर उन्होंने कहा, 'दो वयस्क लोगों पर क्या बीतने वाली है, उसमें हस्तक्षेप करना मेरा काम नहीं है. मैंने मदद की पेशकश की, लेकिन नवाज ने कहा, 'नहीं पापा, हम इसे खुद संभाल लेंगे.' मैं इसका सम्मान करता हूं. वह भी एक बहुत प्रसिद्ध और सम्मानित कानूनी परिवार से आती हैं. उनके पिता 93 वर्ष के हैं, और एक बहुत वरिष्ठ वकील हैं. वह खुद एक वकील हैं, हालांकि उन्होंने कभी प्रैक्टिस नहीं की. इसलिए, अगर उन्हें कभी मेरी जरूरत हो या मेरी सलाह की जरूरत हो, तो मेरे पास आ सकती है. मैं उसके साथ हूं. लेकिन अगर वह इसे खुद करना चाहती है तो मैं हस्तक्षेप नहीं करूंगा.'
'मेरा बेटा मुझे गाली दे सकता है'
बेटो को समझाने के सवालों पर गौतम सिंघानिया ने कहा कि वह मेरी बात नहीं मानेगा. अगर मैं कुछ ऐसा कह दूं जो उसे नहीं पसंद है तो वह मुझपर चीखेगा और चिल्लाएगा. वह मुझे गाली देगा. मैं इस वजह से उससे दूर रहने की कोशिश करता हूं.
'गौतम आदतन ऐसा है'
गौतम सिंघानिया के बारे में उनके पिता विजयपत ने कहा कि वह हमेशा से ऐसे ही था. जब मैंने मूर्खतापूर्ण तरीके से उसे सब सौंप दिया तो उसे पैसे की ताकत मिल गई. उसका व्यवहार हमेशा से ऐसा ही था. एक समय मेरे पास बहुत सारा पैसा, शक्ति और अधिकार भी थे. मुझे नहीं लगता कि भगवान की कृपा से यह कभी मेरे दिमाग में आया. अगर यह बात उसके सिर पर चढ़ गई है, तो शायद वह उनमें से एक है. इस दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो इसे अपने सिर पर चढ़ने देते हैं. पैसा शक्ति है. सत्ता अहंकार है. अहंकार अहंकार है.
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