डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित बैंकों के नामों की घोषणा की है. यह बैंक ग्राहक और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इतने महत्वपूर्ण हैं कि अगर इनमें कोई नुकसान होता है तो उसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ेगा. RBI ने डोमेस्टिक सिस्टमिकली इंपोर्टेंट बैंक्स (D-SIBs) 2022 की लिस्ट जारी की है. जिसमें एक सरकारी और 2 प्राइवेट सेक्टर की बैंकों को सबसे भरोसेमंद बताया गया है.
आरबीआई ने बताया कि 2022 की इस लिस्ट में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), प्राइवेट सेक्टर की आईसीआईसीआई (ICICI) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) घरेलू व्यवस्था में महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) बने हुए हैं. घरेलू व्यवस्था में महत्वपूर्ण बैंक ऐसे बैंक होते हैं जो इतने बड़े होते हैं कि विफल नहीं हो सकते और इन्हें ‘टू बिग टू फेल (टीबीटीएफ)’ कहा जाता है.
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टीबीटीएफ की अवधारणा के तहत यह उम्मीद की जाती है कि संकट के समय में सरकार इन बैंकों को समर्थन देगी. इसलिए फाइनेंसिंग मार्केट में इन बैंकों को कुछ विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘एसबीआई, ICICI और एचडीएफसी बैंक 2021 की डी-एसआईबी की सूची के मानदंडों के आधार पर घरेलू व्यवस्था में महत्वपूर्ण बैंकों बने हुए हैं.’
RBI ने इन बैंकों को घोषित किया था डी-एसआईबी
आरबीआई ने 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को डी-एसआईबी घोषित किया था. एचडीएफसी को 31 मार्च 2017 तक के आंकड़ों के कलेक्शन के आधार पर इस श्रेणी में शामिल किया गया था. बैंकों से 31 मार्च 2022 तक मिले आंकड़ों के आधार पर हाल में इसे अपडेट किया गया है. डी-एसआईबी निर्धारित करने के लिए रूपरेखा जुलाई 2014 में जारी की गई थी. इस रूपरेखा के तहत RBI को डी-एसआईबी घोषित बैंकों के नामों का खुलासा करना होता है.
इन बैंकों के लिए सख्त नियम
रिजर्व बैंक इस सूची में आने वाले बैंकों पर कड़े निमय लागू करता है. इन बैंकों का रिस्क वेटेड एसेट का कुछ हिस्सा टियर-1 इक्विटी के रूप में रखना जरूरी होता है. RBI के मुताबिक, SBI को अपने वेटेड एसेट का 0.6 प्रतिशत हिस्सा Tier-1 इक्विटी के रूप में रखना जरूरी है, जबकि ICICI और HDFC Bank के लिए यह हिस्सा उनके रिस्क वेटेड एसेट का 0.20 फीसदी है.
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