Republic Day 2022: 73वें गणतंत्र दिवस पर देख रही दुनिया भारत की सैन्य और सांस्कृतिक ताकत, इस बार क्या है खास?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 26, 2022, 08:06 AM IST

Republic Day 2022.

बीटिंग द रिट्रीट समारोह के लिए 1000 मेक इन इंडिया ड्रोन रिहर्सल कर रहे हैं. चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद 1,000 ड्रोन शो करने वाला भारत चौथा देश है.

डीएनए हिंदी: गणतंत्र दिवस परेड  (Republic Day Parade) का इंतजार पूरा देश करता है. गणतंत्र दिवस के दिन दुनिया को भारत की सैन्य शक्ति के साथ सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिलती है. देश आजादी का अमृत महोत्सव भी बना रहा है. ऐसे में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के इस उत्सव को मनाने के लिए खास पहल की गई है. 

गणतंत्र दिवस 2022 में कई चीजें पहली बार होने वाली हैं. परेड के दौरान नेशनल कैडेट कोर (NCC) शहीदों को 'शत-शत मन कार्यक्रम' का शुभारंभ कर रही है. भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के 75 विमान आसमान में पहली बार उड़ान भरते नजर आएंगे. यह राजपथ पर होने वाला अब तक का सबसे भव्य फ्लाईपास्ट है. 

देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 480 कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे. 'कला कुंभ' कार्यक्रम के दौरान तैयार किए गए हर 75 मीटर के दस स्क्रॉल का प्रदर्शन होगा. दर्शकों की बेहतर सुविधा के लिए 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है.

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खास होगा 1000 स्वदेशी ड्रोन का शो

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह के लिए स्वदेशी रूप से विकसित 1,000 ड्रोन द्वारा एक ड्रोन शो की भी योजना बनाई गई है. परंपरा के मुताबिक राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.

परेड की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सलामी लेने के साथ होगी. परेड की कमान परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा, दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी अति विशिष्ट सेवा मेडल संभालेंगे. दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आलोक काकर परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे.

सेना के 6 मार्चिंग दस्ते हो रहे हैं शामिल

परेड में राजपूत रेजीमेंट, असम रेजीमेंट, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजीमेंट, सिख लाइट रेजीमेंट, आर्मी ऑर्डनेंस कोर और पैराशूट रेजीमेंट समेत भारतीय सेना के कुल छह मार्चिंग दस्ते मौजूद रहेंगे.

मद्रास रेजिमेंटल सेंटर का संयुक्त बैंड, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर, मराठा लाइट रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंटल सेंटर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और स्कूल, 14 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी सप्लाई कोर सेंटर और कॉलेज, बिहार रेजिमेंटल सेंटर और सेना आयुध वाहिनी केंद्र भी सलामी मंच के आगे मार्च पास्ट करेंगे.

दिखेगी सैन्य वर्दी की विकास गाथा

मार्चिंग दस्तों का मूल विषय पिछले 75 वर्षों में भारतीय सेना की वर्दी और कार्मिकों के हथियारों के क्रमिक विकास का प्रदर्शन होगा. राजपूत रेजीमेंट की टुकड़ी 1947 की भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए होगी और उसके पास .303 राइफल होगी. असम रेजिमेंट 1962 के दौरान पहनी गई वर्दी में होगी और उनके पास 303 राइफलें होंगी.

जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट 1971 के दौरान पहनी जाने वाली वर्दी में होगी और 7.62 मिमी सेल्फ लोडिंग राइफल के साथ होगी. सिख लाइट रेजिमेंट और सेना आयुध कोर की टुकड़ी वर्तमान में 5.56 एमएम इंसास राइफल के साथ वर्दी में होगी. पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी भारतीय सेना की नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म पहनेगी, जिसका अनावरण 15 जनवरी, 2022 को किया गया और इसमें 5.56 एमएम X45 एमएम राइफल होगी.

दिखेगा नौसेना का पराक्रम

नौसेना दल में लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा के नेतृत्व में 96 युवा नाविक और चार अधिकारी कंटिजेंट कमांडर के रूप में शामिल होंगे. इसके बाद नौसेना की झांकी होगी जिसमें भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं को प्रदर्शित करने और 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत किए गए काम को प्रदर्शित किया जाएगा. मौजूदा 'आजादी का अमृत महोत्सव' का भी झांकी में अलग जगह बनाई गई है.

झांकी के अगले हिस्से में 1946 के नौसेना विद्रोह को दर्शाया गया है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया. झांकी का पिछला हिस्सा 1983 से 2021 तक भारतीय नौसेना की 'मेक इन इंडिया' पहल को दर्शाएगा. स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों के मॉडल से हवा में घिरा हुआ एलसीए नौसेना सहित नए विक्रांत का मॉडल दर्शाया गया है. ट्रेलर के किनारों पर लगे फ्रेम भारत में भारतीय नौसेना प्लेटफार्मों के निर्माण को दर्शाते हैं.

भारतीय वायु सेना की झांकी में क्या होगा खास?

भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में 96 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल हैं और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रशांत स्वामीनाथन. वायु सेना की झांकी का शीर्षक 'भारतीय वायु सेना, भविष्य के लिए परिवर्तन' है. झांकी में मिग-21, जी-नेट, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और राफेल विमान के स्केल डाउन मॉडल के साथ-साथ अश्लेषा रडार भी प्रदर्शित किए गए हैं.

DRDO की झांकी में क्या होगा खास?

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), रक्षा के क्षेत्र में देश की तकनीकी प्रगति को दर्शाने वाली दो झांकी प्रदर्शित करेगा. झांकियों का शीर्षक 'एलसीए तेजस के लिए स्वदेशी रूप से विकसित सेंसर, हथियार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम' और भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों के लिए विकसित 'एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम' है.

पहली झांकी में स्वदेश में विकसित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक तौर पर स्कैन किए गए ऐरे रडार, 5 अलग-अलग हवा से हवा (Air to Air) में मार करने वाले हथियारों, चौथी पीढ़ी के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस की क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैमर को प्रदर्शित किया जाएगा. दूसरी झांकी भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों को पानी के भीतर चलाने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एआईपी प्रणाली को प्रदर्शित करती है. भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की टुकड़ी की भी झलक राजपथ पर दिखेगी. सीएपीएफ और एनसीसी के जवान भी करतब दिखाएंगे.

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