डीएनए हिंदीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशभर से 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है. 29 बच्चों में 15 लड़के और 14 लड़कियां शामिल है. विजेताओं को प्रमाणपत्र और 1 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है.
प्रधानमंत्री ने बच्चों के साथ वर्चुअल समारोह में बातचीत भी की. 2021 के विजेताओं को मिलाकर इस साल कुल 61 बच्चों को प्रमाणपत्र दिए गए हैं. पिछले साल 32 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिए गए थे.
ऐसे हुई शुरुआत
बाल कल्याण पुरस्कार और बाल शक्ति पुरस्कार को मिलाकर 2018 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Rashtriya Bal Puraskar) का नाम दिया गया था. यह पुरस्कार महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा दिया जाता है. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को असाधारण, उम्दा और उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए दिया जाता है. यह पुरस्कार 26 जनवरी से पहले राष्ट्रपति भवन में प्रदान किया जाता है. पहले यह पुरस्कार बाल दिवस पर दिया जाता था. कोविड-19 के बाद से पुरस्कार समारोह का आयोजन ऑनलाइन ही किया जाता है.
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किसे मिलता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
5 साल से ज्यादा और 18 साल तक के बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया जाता है. यह पुरस्कार बच्चों की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए दिया जाता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया जाता है - इनोवेशन, सामाजिक सेवा, शैक्षिक, खेल, कला व संस्कृति और बहादुरी. पुरस्कार के लिए कोई विशेष शैक्षिक योग्यताएं नहीं मांगी जाती है. साथ ही बच्चें एक से अधिक कैटिगरी के लिए नामांकन नहीं कर सकते हैं.
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विजेताओं को क्या मिलता है
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाले बच्चों को पदक, एक लाख रुपये और प्रमाण पत्र दिया जाता है. इस साल 29 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
आवेदन की प्रक्रिया
पुरस्कार के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की बेवसाइट पर आवेदन करना होता है. आवेदन बच्चा खुद कर सकता है. इसके अलावा उसे कोई नॉमिनेट भी कर सकता है. यह पुरस्कार केवल भारत के बच्चों को ही दिया जाता है.