डीएनए हिंदी: राजधानी दिल्ली में स्थित ऐतिहासिक इमारत कुतुब मीनार (Qutub Minar) का नाम बदलने के लिए कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया. यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और राष्ट्रवादी शिवसेना नाम के संगठनों से जुड़े लोग मांग कर रहे थे कि कुतुब मीनार का नाम बदलकर 'विष्णु स्तंभ' किया जाए. प्रदर्शन कर रहे 44 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इन लोगों पर आरोप है कि बिना अनुमति के यह प्रदर्शन आयोजित किया गया था.
ये प्रदर्शनकारी बिना पुलिस से अनुमति लिए कुतुब मीनार परिसर के बाहर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे. इन लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगए और मांग की कि दिल्ली के मेहरौली इलाके में स्थित इस ऐतिहासिक इमारत का नाम बदलकर 'विष्णु स्तंभ' किया जाए. इन संगठनों का दावा है कि कुतुम मीनार को 'महान राजा विक्रमादित्य' ने बनवाया था, लेकिन बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका क्रेडिट ले लिया.
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'कुतुब मीनार में थे 27 मंदिर, कुतुबुद्दीन ऐबक ने तोड़ा'
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने कहा, 'इस परिसर में 27 मंदिर थे, लेकिन कुतुबुद्दीन ऐबक ने उन सबको तोड़ दिया. इसके सबूत भी हैं क्योंकि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां पाई जाती हैं. हमारी मांग है कि इसका नाम बदलकर विष्णु स्तंभ किया जाए.'
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भगवान गोयल ने यह भी कहा कि यूनेस्को के वैश्विक धरोहर साइट में शामिल कुतुम मीनार के परिसर में अलग-अलग जगहों पर मूर्तियां रखी हुई हैं. गोयल ने यह मांग भी कि यहां पर पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए. पिछले महीने ही दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (एएसआई) को आदेश दिया था कि अगले निर्देश तक कुतुब मीनार में रखी भगवान गणेश की दो 'मूर्तियों' को न हटाया जाए.
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