सोनिया गांधी नहीं, ममता बनर्जी विपक्ष की सबसे बड़ी नेता, Ripun Bora ने क्यों कहा?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 19, 2022, 03:07 PM IST

TMC नेता अभिषेक बनर्जी के साथ रिपुन बोरा. 

रिपुन बोरा ने ममता बनर्जी को विपक्ष के लिए सबसे सही चेहरा बताया है. उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर TMC का हाथ थाम लिया है.

डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) का साथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हुए असम के दिग्गज नेता ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष के लिए सबसे सही चेहरा ममता बनर्जी हैं. उन्होंने कांग्रेस की अंदुरुनी खामियों का जिक्र किया और कहा कि पार्टी भीतरी कलह से जूझ रही है.

रिपुन बोरा ने मंगलवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त नेता हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मुकाबला करने के बजाए अंदरूनी कलह में उलझे हुए हैं.

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'बीजेपी देश के लिए खतरा'

कांग्रेस की असम यूनिट के पूर्व प्रमुख रिपुन बोरा रविवार को ही टीएमसी में शामिल हुए हैं. उनका आरोप है कि कांग्रेस के कई नेता पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के साथ सांठगांठ करके काम कर रहे हैं. रिपुन बोरा ने बीजेपी को देश के लिए खतरा बताया है.

'बीजेपी से नहीं आपस में लड़ रहे हैं नेता'

रिपुन बोरा ने कहा, 'बीजेपी संविधान के लिए खतरा है और इससे भी ज्यादा वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है. कांग्रेस को सबसे पुरानी पार्टी होने की वजह से बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए था. लेकिन दुर्भाग्य से, अलग-अलग राज्यों में इसके नेता बीजेपी से लड़ने के बजाय आपस में लड़ रहे हैं.'

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'अंदरुनी कलह की वजह से उठ गया भरोसा'

रिपुन बोरा ने दावा किया कि वह पार्टी को उस स्थिति में लाने में सक्षम थे जहां लोगों को उम्मीद थी कि वह 2021 के विधानसभा चुनावों में असम में सरकार बनाएगी. उनके मुताबिक अंदरूनी कलह की वजह से लोगों का हम पर से विश्वास उठ गया. 

उन्होंने कहा, 'मैं 2016 से 2021 तक असम कांग्रेस का अध्यक्ष था. मैंने पार्टी को सत्ता में वापस लाने की पूरी कोशिश की. लेकिन वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग आपस में इस तरह लड़ रहा था कि लोगों का मनोबल टूट गया. मैंने महागठबंधन बनाकर अच्छी कोशिश की. असम में फिलहाल कोई विपक्ष नहीं है.'

क्यों TMC में शामिल हुए रिपुन बोरा?

रिपुन बोरा अपने छात्र जीवन 1976 से ही कांग्रेस के सदस्य थे. उनका कहना है कि वह टीएमसी में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि इसकी विचारधारा कांग्रेस जैसी ही है, और सिर्फ बीजेपी से लड़ाई के दृष्टिकोण में अंतर है. उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने जिस तरह से बीजेपी से आक्रामक तरीके से लड़ाई लड़ी, उसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है.' 

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रिपुन बोरा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि वह पार्टी में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि मैं अब कांग्रेस में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहता था, जो असम में बीजेपी से लड़ने में कम दिलचस्पी रखती है. मैं असम में बीजेपी के खिलाफ मजबूत विपक्ष बनाने के लिए टीएमसी में शामिल हुआ हूं.

'सोनिया-राहुल के लिए सम्मान लेकिन ममता सबसे बेहतर'

रिपुन बोरा ने कहा कि राज्यसभा सीट के लिए पाला नहीं बदला है. बोरा ने कहा कि उनके मन में अब भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक स्थिति में ममता बनर्जी बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं. 

उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी ने बीजेपी के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने लड़ाई लड़ी, लेकिन इसका वांछित प्रभाव नहीं पड़ा. ममता बनर्जी ने भी लड़ाई लड़ी और उनका व्यापक प्रभाव पड़ा. मुझे लगता है कि कांग्रेस या राहुल गांधी से ज्यादा ममता बनर्जी सबसे ज्यादा स्वीकार्य हैं और भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं.' (भाषा इनपुट के साथ)

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