डीएनए हिंदी: देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने गुरुवार को कहा कि हमें किसी को जीतना नहीं, हमें सबको जोड़ना है. संघ प्रमुख के इस बयान को कई मायनों में जोड़कर देखा जा रहा है. वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanwapi Masjid) मामले की सुनवाई भी अभी कोर्ट में चल रही है.
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) नागपुर में आरएसएस के तृतीय वर्ष संघ सिक्षा वर्ग समापन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 'क्या हम विश्वविजेता बनना चाहते हैं? नहीं, हमारी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है. हमें किसी को जीतना नहीं है. हमें सबको जोड़ना है. संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है जीतने के लिए नहीं. भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है.
'विविधिता एकत्व की साज-सज्जा, अलगाव नहीं'
RSS प्रमुख ने कहा, 'आपस में लड़ाई नहीं होनी चाहिए. आपस में प्रेम चाहिए. हमें विविधता को अलगाव की तरह नहीं देखना चाहिए, बल्कि एक-दूसरे के दुख में शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विविधिता एकत्व की साज-सज्जा है, अलगाव नहीं है.
'20-25 साल में बन जाएगा अखंड भारत'
गौरतलब है कि इससे पहले मोहन भागवत ने अखंड भारत को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 20-25 साल में तो भारत अखंड भारत बन जाएगा लेकिन हम कोशिश करें तो यह काम 15 साल में भी ऐसा हो सकता है. हरिद्वार में अखंड भारत का राग छेड़ते हुए मोहन भागवत ने कहा कि अखंड भारत के अभियान को कोई रोकने वाला नहीं है और जो लोग भी इसके रास्ते में आएंगे, वो मिट जाएंगे. यह पहली बार नहीं था. जब भागवत ने अखंड भारत की बात कही हो. उन्होंने कहा कि 40 फीसदी लोग गरीब हैं और 60 फीसदी के करीब ही लोग हिंदू बचे हैं. ऐसे में यह सपना पूरा करने के रास्ते में काफी रुकावटे हैं.
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