Rubaiya Sayeed Kidnapping: महबूबा मुफ्ती की बहन को CBI ने भेजा समन, जानिए क्या है वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 27, 2022, 07:13 PM IST

सीबीआई अदालत ने रूबैया सईद को उनके अपहरण के मामले में तलब किया

रूबैया अपहरण मामला घाटी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और पांच आतंकवादियों की रिहाई के बाद वहां आतंकवाद की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई.

डीएनए हिंदी: CBI की एक विशेष अदालत ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री रूबैया सईद को समन जारी कर उन्हें 15 जुलाई को पेश होने के लिए कहा है. उन्हें 1989 में हुए उनके अपहरण से जुड़े मामले में पेश होने को कहा गया है. यह पहला मौका है जब रूबैया सईद को मामले में पेश होने के लिए कहा गया है. उनका आठ दिसंबर 1989 को अपहरण कर लिया गया था. केंद्र में भारतीय जनता पार्टी समर्थित तत्कालीन वी. पी. सिंह सरकार ने उनकी रिहाई के बदले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा करने का फैसला किया था.

रुबैया सईद तमिलनाडु में रहती हैं और सीबीआई ने उन्हें अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया है. सीबीआई ने 1990 के दशक की शुरुआत में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी. रूबैया सईद अपहरण मामले में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेकेएलएफ का प्रमुख यासीन मलिक एक आरोपी है. यासिन मलिक को हाल ही में आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

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रूबैया अपहरण का मामला वस्तुत: ठंडे बस्ते में चला गया था और 2019 में आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा मलिक को पकड़े जाने के बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया. सीबीआई ने पिछले साल जनवरी में विशेष लोक अभियोजकों मोनिका कोहली और एस. के. भट की मदद से रूबैया अपहरण मामले में मलिक सहित 10 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए.

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रूबैया अपहरण मामला घाटी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और पांच आतंकवादियों की रिहाई के बाद वहां आतंकवाद की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने अभियोजन पक्ष की गवाह के रूप में सूचीबद्ध रूबैया को समन करने के लिए अनुरोध किया था और विशेष अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए उन्हें 15 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है.

इस मामले के अन्य आरोपियों में अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद गंद्रू, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक पहलू, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी शामिल हैं. जांच के दौरान, आरोपियों अली मोहम्मद मीर, जमां मीर और इकबाल गंद्रू ने रूबैया अपहरण मामले में अपनी भूमिका के बारे में खुद ही एक मजिस्ट्रेट के सामने स्वीकार किया.

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इसके अलावा, चार अन्य आरोपियों ने सीबीआई के पुलिस अधीक्षक के सामने इकबालिया बयान दिए. मार्च 2020 में विशेष अदालत ने जनवरी 1990 में श्रीनगर के बाहरी हिस्से में भारतीय वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या से संबंधित एक अन्य मामले में जेकेएलएफ प्रमुख और अन्य छह लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे.

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Mehbooba Mufti Yasin Malik