AIIMS-RML Doctors Protest: मेडिकल कॉलेजों में 40 लाख की बांड पॉलिसी पर हंगामा, AIIMS-RML डॉक्टर्स भी विरोध में

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 06, 2022, 04:07 PM IST

मेडिकल कॉलेजों में 40 लाख के बांड पॉलिसी पर हंगामा, दिल्ली AIIMS और RML डॉक्टर्स भी समर्थन में उतरे

Bond Policy in Medical: रोहतक स्थित PGI में MBBS स्टूडेंट की बॉन्ड पॉलिसी के विरोध समर्थन में अब दिल्ली AIIMS और RML डॉक्टर्स भी उतर आए हैं.

डीएनए हिंदीः हरियाणा के रोहतक स्थित PGI के MBBS स्टूडेंट ने सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में देशभर में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहा है. इस प्रदर्शन को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग और आरएमएल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने भी अपना समर्थन दिया है.

FAIMA प्रतिनिधिमंडल ने SWA PGIMS के साथ हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी जारी करने के संबंध में सीएम गजेंद्र फोगाट के ओएसडी के साथ बैठक भी की गई है. डॉक्टरों का कहना है कि बांड पॉलिसी के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को प्रति वर्ष 10 लाख के हिसाब से चार साल में 40 लाख रुपये का बांड भरना जरूरी कर दिया गया है.

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) के संस्थापक सदस्य डॉ. मनीष जांगड़ा ने बताया कि इस वर्ष से हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को सात वर्षो के लिए 40 लाख का बांड भरना होगा. पढ़ाई पूरी करने के बाद सात वर्षों तक हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में सेवा देनी होगी. इस बीच यदि डॉक्टर कोई और करियर का चयन करना चाहे तो नहीं कर सकते हैं.

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डॉ. जांगड़ा ने बताया कि 2021 बैच में जिन्होंने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया है उन्हें प्रति वर्ष 10 लाख रुपये फीस के रूप में जमा कराना होगा, जो निजी मेडिकल कॉलेजों के समतुल्य है. इस शर्त के कारण कैसे कोई गरीब मेधावी छात्र डॉक्टर बन सकता है? दो ही विकल्प छात्रों के पास होगा. या तो सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवा दें या 40 लाख रुपये सरकार को देकर अपना रास्ता अलग कर लें.

किया. सरकार द्वारा लागू की गई पॉलिसी के तहत MBBS स्टूडेंट को प्रतिवर्ष 9.20 लाख रुपए जमा करवाने होंगे. वहीं, 80 हजार रुपए फीस. जिस लिहाज से सभी भावी डॉक्टरों को प्रति वर्ष 10 लाख रुपए जमा करवाने पड़ रहे हैं.

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