Russia Ukraine War: ऑपरेशन गंगा में शामिल होगी वायुसेना, C-17 से देश लौटेंगे यूक्रेन में फंसे भारतीय

| Updated: Mar 01, 2022, 01:33 PM IST

Indian Air Force C-17

प्रधानमंत्री मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के लिए वायुसेना को निर्देश दिया है.

डीएनए हिंदी: यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के बीच भीषण जंग जारी है. भारतीय नागरिक बड़ी संख्या में यूक्रेन में फंस गए हैं. ऑपरेशन गंगा (Opration Ganga) के तहत भारत सरकार अपने नागरिकों को वापस लाने के प्रयासों में जुटी है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भारतीय वायुसेना से कहा है कि छात्रों को बाहर निकलने के लिए जवान मिशन में जुट जाएं.

भारतीय वायुसेना के विमान अब छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए उड़ान भरेंगे. सूत्रों के मुताबिक वायु सेना के शामिल होने से रेस्क्यू ऑपरेशन तेज होगा और यूक्रेन में फंसे सभी देशवासी भारत लौट सकेंगे. सरकार इन विमानों के जरिए राहत सामग्री भी भेजगी. भारतीय वायुसेना के कई सी-17 (C-17) विमान मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन पर रवाना हो सकते हैं.

Russia Ukraine War: यूक्रेन को कितने देश दे रहे हैं हथियार, किसकी क्या है प्लानिंग?

किन देशों के रास्ते देश लौट रहे नागरिक?

यूक्रेन का हवाई क्षेत्र 24 फरवरी के बाद से ही बंद है. इसी दिन रूस ने यू्क्रेन पर हमला बोला था. रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से सटी सीमाओं के रास्ते भारतीय नागरिक देश वापस लौट रहे हैं. यूक्रेन से देशवासियों को वापस लाने के लिए सरकार की ओर से ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है.

वायुसेना कैसे करेगी मदद?

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के लिए वायुसेना को यह निर्देश दिया है. भारतीय वायुसेना के विमान मानवीय मदद और राहत सामग्री लेकर भी आएंगे. वायुसेना के ऑपरेशन गंगा में जुटने से जल्द ही छात्रों की वापसी तय होगी.

ऑपरेशन गंगा के लिए मैदान में उतरे 4 केंद्रीय मंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंच कर भारतीयों को सुरक्षित एवं सुगम तरीके से निकालने में कॉर्डिनेशन जिम्मेदारी दी है. इसके तहत, केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया में, हरदीप पुरी हंगरी में और ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और माल्डोवा से कमान संभालेंगे.

यह भी पढ़ें-
DNA एक्सप्लेनर : कौन से देश हैं NATO में? क्या है यह संस्था?
DNA एक्सप्लेनर: क्यों पश्चिमी देश Ukraine के भविष्य पर चिंतित हैं, क्या चाहता है Russia?