डीएनए हिंदी: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत के हजारों छात्र फंसे हुए हैं. हालांकि उन्हें सुरक्षित घर लाने की कोशिश शुरू हो चुकी है. भारतीय छात्रों को लेकर पहली फ्लाइट रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हो गई है. पहली फ्लाइट 219 स्टूडेंट्स को लेकर आ रही है. इस बीच केरल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.
राज्य सरकार केरल लौटने वाले छात्रों को हवाई टिकट प्रदान करेगी. केंद्र सरकार द्वारा यूक्रेन से निकासी उड़ानों के जरिए ये स्टूडेंट्स दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में पहुंच रहे हैं. अब इन स्टूडेंट्स को केरल में उनके घर पहुंचाने के लिए एयर टिकट दी जाएगी.
सरकार ने यूक्रेन से भारत आने वाले मलयाली लोगों के संबंध में पहले से ही जानकारी जुटाने की कवायद की है. यह व्यवस्था रेजिडेंट कमिश्नर और अनिवासी केरलवासी मामलों (NORKA) के अधिकारियों द्वारा की जा रही है. जिला कलेक्टरों को केरल में हवाई अड्डों पर पहुंचने वालों के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है.
छात्रा ने बताई पूरी कहानी
केरल के पठानमथिट्टा जिले के एडप्पावूर की एक छात्रा ने रूसी हमले से पहले यूक्रेन से अंतिम उड़ान की कहानी बताई है. वह उन चुनिंदा यात्रियों में शामिल थी जिसे आखिरी फ्लाइट मिली. अनामिका ने कहा कि उसने और कुछ अन्य छात्रों ने 23 फरवरी को यूक्रेन से भारत के लिए टिकट बुक किया था.
हमारी उड़ान 3.45 बजे थी और बोर्डिंग के बाद हमने सुना कि देश की राजधानी कीव में छह स्थानों पर विस्फोट हुए हैं लेकिन हमारे कुछ सहपाठी वहां फंसे हुए थे. उन्होंने 24 और 25 फरवरी को निर्धारित उड़ानों में अपनी सीट आरक्षित कर ली थी.
छात्रा का कहना है कि यूक्रेन में मेरे मलयाली दोस्तों को खाना और पानी भी मिलना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट कनेक्शन भी अक्सर बाधित हो जाता है. केरल पहुंचने के बाद मैंने यूक्रेन में अपने सभी परिचितों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो सका है. जब मैंने वहां कॉलेज के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि सभी लोग सुरक्षित हैं.
यूक्रेन छोड़ने से पहले के दिनों की घटनाओं के बारे में बताते हुए अनामिका ने कहा, सभी को लगा कि युद्ध होगा. हालांकि जिस इलाके में हम रुके थे वहां चीजें शांतिपूर्ण थीं. केवल देश के सीमावर्ती इलाकों में कुछ तनाव था. कॉलेज के अधिकारियों ने हमें बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है. इस बीच कई छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की गई है. खाद्य पदार्थ बेचने वाली अधिकांश दुकानें बंद हैं. एटीएम में नकदी खत्म हो गई है.