डीएनए हिंदी: इस वक्त जिनके परिवार के सदस्य यूक्रेन में रह रहे हैं उनके लिए एक-एक पल बिताना मुश्किल हो रहा है. एम्प्रेस कॉर्डेलिया क्रूज पर ऐसे कई लोग हैं जो खुद तो नौकरी की वजह से भारत में हैं लेकिन उनका परिवार अभी यूक्रेन के संकटग्रस्त इलाकों में ही है. क्रूज की मेन परफॉर्मेर नतालिया हैं. उनके माता-पिता कीव के पास रहते हैं और उनके लिए यह बहुत मुश्किल समय है. इसके बाद भी यूक्रेन के लोग पूरे साहस के साथ हालात का सामना कर रहे हैं. नतालिया भी उनमें से ही हैं और इन मुश्किल हालात के बावजूद वह उसी उत्साह के हर शाम होने वाली परफॉर्मेंस देती हैं. पढ़ें यीशा कोटक की खास रिपोर्ट...
क्रूज पर 600 लोगों का स्टाफ है
नतालिया ने बताया कि उनके माता-पिता ने फिलहाल कीव के पास एक बंकर में शरण ले रखी है. नतालिया अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित हैं और जब उन्हें कीव पर बमबारी की खबर मिली तो वह खुद को रोक नहीं सकीं और रोने लगीं. उनके साथ मौजूद स्टाफ मेंबर्स लगातार उनकी हिम्मत बढ़ा रहे हैं. क्रूज पर कुल 11 यूक्रेनी हैं और इनमें शिप का कैप्टेन भी है.
क्रूज कैप्टन ने कहा, 'सब एक-दूसरे को हिम्मत दे रहे हैं'
शिप कैप्टन डैनिश खुद यूक्रेन के हैं. उन्होंने बताया कि क्रूज पर यूक्रेन ही नहीं रूस और दूसरे देशों के कई लोग हैं जो काम करते हैं. इस शिप पर कुल 600 लोगों का स्टाफ है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में अपने परिवार से क्रूज स्टाफ बात कर सके, इसके लिए वायरलैस फोन लगाए गए हैं. हम सब एक-दूसरे की हिम्मत बने हुए हैं और प्रार्थना कर रहे हैं. युद्ध से अलग यहां सब साथ हैं और शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
इन यूक्रेनी नागरिकों की कहानी भारतीय छात्रों जैसी
यूक्रेन में जब संघर्ष शुरू हुआ था तो करीब 18000 भारतीय छात्र वहां फंसे थे और भारत में उनके परिवार के लोगों की सांस अटकी हुई थी. क्रूज पर मौजूद यूक्रेनी लोगों की स्थिति भी ऐसी ही है. ये लोग भले ही भारत में सुरक्षित हैं लेकिन अपने परिवार की फिक्र उन्हें चैन नहीं लेने दे रही है.
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