डीएनए हिंदी: यूक्रेन (Ukraine) अपने बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है. रूस (Russia) की सेनाएं यूक्रेन के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमा चुके हैं. कीव और खारकीव में रूस की सेनाएं दाखिल हो चुकी हैं. भारत के लोग अब भी यूक्रेन में फंसे हैं जिन्हें ऑपरेशन गंगा के तहत देश रेस्क्यू कर लाया जा रहा है.
यूक्रेन से लौटी एक छात्रा ने ऐसी ही आपबीती बताई है. उत्तर प्रदेश के जालौन में रहने वालीं छाया यादव यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करती हैं. रोमानिया के जरिए उन्हें दिल्ली लाया गया है. छाया यूक्रेन के मंजर को याद करके दहल जाती हैं.
Russia Ukraine War: क्या यूक्रेन के खिलाफ न्यूक्लियर अटैक करेगा रूस?
'सायरन बजता तो यही लगता कि हमला हो गया है'
छाया बताती हैं कहीं धमाका या आवाज होती तो डर यही लगता कि हमला हो गया है. खतरे को लेकर बार-बार सायरन बजाया जाता था. जैसे ही तीसरी सायरन बजता सबको बेसमेंट में जाना होता था. हर 15 से 20 मिनट में सायरन बजता था. जब सायरन लगातार बजता तो बंकर में छिपना पड़ता था फिर यूनिवर्सिटी से बाहर खुले मैदान में जाना होता था. वहीं हमारे ऊपर सबसे ज्यादा खतरा होता था. हम कभी बेसमेंट में छिपते तो कभी ऊपर. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से यह भी कहा जाता था कि बेसमेंट सेफ जगह नहीं है क्योंकि ऊपर से बम बरसाए जा रहे हैं. हमें हॉस्टल से यूनिवर्सिटी भी आना होता था.
Russia-Ukraine Crisis: क्या है व्लादिमीर पुतिन का अखंड रूस प्लान?
जहां पहुंची सेना वहां सबसे ज्यादा डर
छाया यादव ने कहा कि अभी सारे छात्रों को यूक्रेन से बाहर नहीं निकाला जा सका है. रेस्क्यू ऑपरेशन वेस्टर्न पार्ट से शुरू हुआ है, जहां मिलिट्री नहीं पहुंची है. सबसे ज्यादा खतरा पूर्वी शहरों पर है जहां रूसी सेना ने दस्तक दे दी है. मिलिट्री अटैक होने की वजह से कोई भी स्टूडेंट बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.
रूस और Ukraine के विवाद की क्या है असली वजह, क्यों NATO में शामिल होना चाहता है यूक्रेन?
7 दिनों से बंकरों में कैद हैं भारतीय छात्र
कई छात्र 7-7 दिन से बंकर में कैद हैं. छात्रों के पास राशन कम है. बिल्डिंग सेफ नहीं है और बंकर में ऐसी नहीं है. ऐसे में कड़ाके की ठंड में छात्रों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. जालौन के 3 छात्र और यूक्रेन में फंसे हुए हैं. ऑपरेशन गंगा के तहत बड़े स्तर पर छात्रों को यूक्रेन से देश वापस लाया जा रहा छाया यादव जब जालौन से घर लौटीं तो उनके परिजनों ने फूल-माला पहनाकर नम आंखों से स्वागत किया. ऑपरेशन गंगा के तहत छात्रों को यूक्रेन से लाया जा रहा है.
हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.
यह भी पढ़ें-
DNA एक्सप्लेनर : कौन से देश हैं NATO में? क्या है यह संस्था?
DNA एक्सप्लेनर: क्यों पश्चिमी देश Ukraine के भविष्य पर चिंतित हैं, क्या चाहता है Russia?