डीएनए हिंदी: रूस (Russia) के हमले में अब यूक्रेन (Ukraine) के आम नागरिक मारे जा रहे हैं. युद्धग्रस्त देश में अपने घायल नागरिकों की सेवा में जुटी एक लड़की भी रूसी टैंक के हमले में मारी गई है. रूसी टैंकों के चपेट में वह तब आई जब मां के लिए दवा की तलाश में बाहर गई थी.
31 वर्षीय लेरा मकसेत्सका (Lera Maksetska) एक सामाजिस संस्था के लिए काम करती थीं. यह संस्था अमेरिकी सहायता से यूक्रेन के युद्धग्रस्त लोगों की सेवा कर रही है. लेरा अपनी मां के लिए दवा लेने निकलीं थी तभी रूसी टैंको ने उनकी कार पर गोलीबारी शुरू कर दी. कार में मकसेत्सका, उनकी मां और यारोस्लाव नाम के एक शख्स की भी मौत हो गई.
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केमोनिक्स के सीईओ जेमी बुचर ने यह जानकारी शेयर की है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'यह सभी अर्थहीन मौते हैं. प्लीज रेला, यारोस्लाव और इरिना को याद करें. ये लोग हमारे हीरो हैं.'
लेरा मकसेत्सका की सहयोगी सामंथा पावर ने भी उनकी मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, 'लेरा एक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी थीं. जब कीव में रूसी सेना ने घुसपैठ किया तो वह भाग सकती थीं. वह दूसरों की मदद के लिए रुकी रहीं. जब उनकी मांग इरिना की दवा खत्म हुई तो वह बाहर निकलीं. रूसी काफिला के गुजरने के इंतजार में तीनों कार में बैठकर इंतजार कर रहे थे, तभी एक रूसी टैंक ने उन्हें उड़ा दिया.'
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सामंथा पावर ने कहा कि वह खुशमिजाज लड़की थी. उसने अपनी जिंदगी यूक्रेन के नाम कर दी. लेरा ने मौत से पहले लिखा था कि जब कीव पर हमला हुआ वह हिंसक कार्रवाई पर गुस्सा हुई थी. उसे अपने यूक्रेनियन होने पर गर्व है, जहां भरोसा बेहद अहम है.
समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक रूस और यूक्रेन के हमले में हजारों नागरिक मारे गए हैं. 25 लाख से ज्यादा लोग पड़ोसी देशों में पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. मारियुपोल में रूस के हमले में करीब 1,500 लोग मारे गए हैं.
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