India in Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को तीन साल पूरे हो गए हैं. भले ही अब इसे लेकर दुनिया में ज्यादा बात नहीं हो रही है, लेकिन भारत के लिए यह लड़ाई अब भी चिंता का सबब बनी हुई है. दरअसल बहुत सारे भारतीय नागरिक इस युद्ध में शामिल हैं. ये भारतीय लड़ाई वाले इलाके में (Russia Ukraine Conflict Zone) रूसी सेना के सपोर्टिंग स्टाफ के तौर पर काम कर रहे हैं. भारत ने शुक्रवार को कहा है कि वह इस बात से वाकिफ है और इन भारतीयों को 'रिलीज' कराने के लिए मास्को के साथ संपर्क में है. भारत ने यह भी कहा है कि हमने सभी भारतीय नागरिकों को यूक्रेन में लड़ाई वाले इलाके तत्काल छोड़ने और इन जगहों से दूर रहने की सलाह दी है. विदेश मंत्रालय की तरफ से ये स्पष्टीकरण उस रिपोर्ट के बाद सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि कुछ भारतीय नागरिक युद्ध क्षेत्र में रूसी सेना के सपोर्ट स्टाफ के तौर पर काम कर रहे हैं.
क्या कहा है विदेश मंत्रालय ने
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, हम इस बात से वाकिफ हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के लिए सपोर्ट रोल लिए हैं. उन्होंने कहा, मास्को में भारतीय दूतावास लगातार इस मुद्दे को संबंधित रूसी अधिकारियों के सामने उठा रहा है. हम रूसी अधिकारियों से इन भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द रिलीज करने के लिए कह रहे हैं. साथ ही हमने सभी भारतीय नागरिकों को भी सावधान रहने और टकराव वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है.
क्या दावा किया गया है रिपोर्ट में
भारतीय नागरिकों के रूस की सेना के लिए काम करने के दावे वाली रिपोर्ट गुरुवार को सामने आई थी. इसमें कहा गया था कि दर्जनों भारतीय नागरिक कथित तौर पर धोखे से रूस में सैन्य सेवा में शामिल कर लिए गए हैं. इन्हें सपोर्ट स्टाफ में नौकरियां देने का वादा किया गया था, लेकिन फिर इन्हें रूसी सेना के लिए काम करने पर मजबूर किया जा रहा है. इन्हें जो दस्तावेज दिए गए थे, उनके अनुवाद भ्रमित करने वाले हैं. इसके चलते उन्हें शुरुआत में जो काम समझ में आया था, उसके विपरीत उन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग लेनी पड़ी है.
12 भारतीयों के फंसे होने की मिली है सूचना
रूस में इस तरीके से सेना में फंस गए भारतीयों की संख्या 12 बताई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी लोग यूक्रेनी सीमा के अंदर फंसे हुए हैं और खतरे से घिरे हुए हैं. इन्हें चोट भी लगी हैं. हैदराबाद निवासी एक पीड़ित सूफियान का परिवार गुरुवार को AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के पास पहुंचा था. सूफियान के भाई इमरान ने बताया कि 'बाबा व्लॉग्स' नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले फैसल खान ने उसके भाई को कुछ एजेंटों से मिलवाया था, जिन्होंने उसे रूसी सेना की तरफ से सूचीबद्ध की गई सपोर्ट जॉब्स के लिए चुने जाने का झांसा दिया और साथ ले गए. उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस तरह धोखे से ले जाए गए भारतीयों की सुरक्षित वापसी कराने की गुहार लगाई है. ओवैसी ने भी इस मसले पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का आग्रह किया है.
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