डीएनए हिंदी: आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि युद्ध की परिस्थितियां बनी हैं वह निराशाजनक हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि डेलीगेशन बातचीत की पहल के बाद कोई न कोई रास्ता निकलेगा. उन्होंने सभी पक्षों से मानवता के हित में संयम बरतने की अपील की है. उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन ने कभी हमारा साथ नहीं दिया लेकिन हम उनके साथ सहानुभूति रखते हैं.
रूस हमारा पुराना दोस्त, यूक्रेन के लिए सहानुभूति
उन्होंने कहा कि यहां इतिहास भी याद रखना होगा कि रूस हमारा पुराना दोस्त है. यूक्रेन ने इतिहास में कभी हमारा साथ नहीं दिया है, लेकिन हम उनके प्रति सहानुभूति रखते हैं. इस वक्त भावनाओं में बहकर कोई फैसला नहीं लेना चाहिए. हमें ध्यान रखना चाहिए भारत के हित कहां जुड़े हैं.
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'हमारे प्रधानमंत्री युद्ध को लेकर चिंतित हैं'
आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक ने कहा कि विश्व में कोई भी युद्ध नहीं चाहता है. खास तौर पर हमारे प्रधानमंत्री युद्ध को लेकर बहुत चिंतित हैं. उन्होंने कल मुझे रात 9-10 बजे फ़ोन करके बताया था कि वह मौजूदा हालात को लेकर फिक्रमंद हैं. हमारे स्टूडेंट्स वहां फंसे हैं, उनके लिए क्या कर सकते हैं. हमने आधे घंटे में अपने बच्चों के लिए बेड का इंतजाम किया है ताकि उनकी देखभाल की जा सके.
केंद्र सरकार कर रही है बेहतरीन काम
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अपने स्तर पर बेहतरीन काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यह समझना होगा कि यूक्रेन भी बड़ा देश है. उसके अलग-अलग हिस्सों में लोग फंसे हैं. भारत सरकार सक्रिय और तत्पर है और जो भी संभव है सारी मदद दी जा रही है.
'हमारे वॉलिंटियर लोगों की मदद कर रहे हैं'
उन्होंने बताया कि पोलैंड, रोमानिया और हंगरी में हमारे वॉलिंटियर हैं. उन्होंने अपना हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. हमारे वॉलिटिंयर यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद कर रहे हैं. उनकी देखभाल, उनके लिए बेड और खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं. बुदापेस्ट में हमारे वॉलिंटियर्स से संपर्क करने पर भारतीयों को हर संभव मदद की जा रही है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि वैश्विक ताकतें संघर्ष को जितनी जल्दी हो सके रोकने के लिए काम करेंगी. युद्ध और संघर्ष को उन्होंने मानवता के खिलाफ बताया है.
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