डीएनए हिंदी: India vs Pakistan- गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के मंच को पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जहर उगलने का जरिया बनाने की कोशिश की. पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एकतरफ भारत के ऊपर बेतुके सवाल उठाए, वहीं दूसरी तरफ भारत से हाथ मिलाने की भी कोशिश की. हालांकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एससीओ मीटिंग के दौरान भुट्टो को दूर से ही हाथ जोड़कर उन्हें भारतीय रुख का अंदाजा करा दिया. इसके बाद उन्होंने SCO Meeting के मंच से भी उन्हें खरी-खरी सुनाई. मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता को लेकर पूछे सवाल पर स्पष्ट कहा, आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद पर ही चर्चा करने के लिए आतंक फैलाने की साजिश रचने वालों के साथ नहीं बैठते. आतंकवाद के पीड़ित खुद अपनी रक्षा करते हैं, आतंकवाद का सामना करते हैं और उसे जड़ से खत्म करते हैं और यही हो रहा है.
आइए 5 पॉइंट्स में बताते हैं कि जयशंकर ने कैसे पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए आईना दिखाया है.
1. 'आतंक पर पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी नीचे'
जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को आतंकियों से मुठभेड़ में 5 जवानों की शहादत पर जयशंकर से सवाल पूछा गया. उन्होंने कहा कि इसे लेकर हम सभी समान रूप से नाराज हैं. वे (पाकिस्तानी) लगातार आतंकवादी हरकतें कर रहे हैं. फिर यहां आकर कपटपूर्ण तरीके से दुहाई देते हैं कि हम दोनों (भारत-पाकिस्तान) आतंक से समान तरह से पीड़ित हैं. इसे लेकर हम एक ही नाव पर सवार हैं. उन्होंने कहा, आतंकवाद के मुद्दे पर मैं कहना चाहूंगा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी ज्यादा तेजी से नीचे गिर रही है.
2. 'भुट्टो को उनकी हैसियत से ज्यादा सम्मान दिया गया'
जयशंकर से बिलावल भुट्टो के साथ द्विपक्षीय वार्ता को लेकर पूछे सवाल पर कहा, भुट्टो यहां SCO मेंबर कंट्री के विदेश मंत्री के तौर पर आए थे. यह एक बहुस्तरीय डिप्लोमेसी है. इसे इससे ज्यादा किसी नजरिये से नहीं देखा जाए. उन्होंने कहा, मेरे हिसाब से उन्होंने क्या कहा या मैंने क्या सुना, इसका कोई मतलब नहीं है. आतंकवाद के प्रमोटर, उसे सही ठहराने वाले और मैं खेद के साथ कहूंगा कि आतंक की इंडस्ट्री के प्रवक्ता, जिसमें पाकिस्तान अव्वल है, बनने के बावजूद उनके साथ हैसियत से ज्यादा अच्छा व्यवहार किया गया है. उनकी पोजिशन सवालों में है और वे आतंकवाद का बचाव कर रहे हैं. यहां तक कि एससीओ मीटिंग में भी उन्होंने यही किया.
3. 'तरक्की बढ़िया, लेकिन अखंडता की कीमत पर नहीं'
PoK से होकर गुजर रहे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को लेकर भी जयशंकर से सवाल पूछा गया. उन्होंने कहा, कनेक्टिविटी तरक्की के लिहाज से बढ़िया है, लेकिन कनेक्टिविटी से किसी की अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. ये बात एक बार नहीं बल्कि दो बार SCO मीटिंग में कही गई है. हमारा लंबे समय से यही रुख है और इस पर किसी को भी शक नहीं होना चाहिए.
4. 'कश्मीर में जी20 बैठक और श्रीनगर से पाकिस्तान का कोई मतलब नहीं'
पाकिस्तान की तरफ से श्रीनगर में आयोजित होने जा रही G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप मीटिंग पर उठाए जा रही आपत्ति पर भी जयशंकर ने स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा. मेरे नहीं समझता कि जी20 मुद्दे पर किसी के साथ भी बहस की जाए. खासतौर पर ऐसे देश (पाकिस्तान) के साथ, जिसका जी20 से कोई मतलब ही नहीं. जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. जी20 बैठक सभी भारतीय राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में हो रही हैं तो इसका यहां आयोजन पूरी तरह स्वाभाविक है.
5. 'वेकअप एंड स्मैल द कॉफी'
बिलावल भुट्टो की तरफ से SCO के मंच पर अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाए जाने को लेकर भी जयशंकर ने एक अंग्रेजी मुहावरे का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, वेकअप एंड स्मैल द कॉफी यानी आंखे खोलो और हकीकत को समझो. अनुच्छेद 370 इतिहास था. जितनी जल्दी लोग इसे समझ जाएंगे, उतना ही बढ़िया होगा.
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