डीएनए हिंदी: देश में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर बहस छिड़ी है. कांग्रेस के सीनियर नेता सचिन पायलट ने कहा है कि बिना किसी ठोस प्रस्ताव के इस पर बात करना हवा में तीर चलाने जैसा है. सरकार ने जनता से जुड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह गुगली डाली है. सचिन पायलट ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार यूसीसी को लेकर अब तक कोई प्रस्ताव या खाका लेकर सामने नहीं आई है, लेकिन वह इसका राजनीतिक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.
सचिन पायलट ने कहा, 'समान नागरिक संहिता क्या है, क्या कोई विधेयक आया है, क्या कोई प्रस्ताव आया है, क्या कोई खाका तैयार किया गया है, पता ही नहीं है. यूसीसी के नाम पर अलग-अलग लोग, अलग-अलग दल, अलग-अलग धर्मगुरु अपनी राय दे रहे हैं.'
सचिन पायलट ने कहा, 'सरकार का प्रस्ताव क्या है, संसद की स्थाई समिति क्या बोल रही है, क्या संसद में कोई विधेयक आया है, यूसीसी की परिभाषा क्या है? बिना किसी ठोस प्रस्ताव के यूसीसी पर बात करना ‘हवा में तीर चलाने’ जैसा है.'
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केंद्र ने डाली है गुगली?
सचिन पायलट ने कहा, 'इन्होंने एक गुगली डाल दी है, अब इस पर चर्चा करते रहिए, बहस करते रहिए. किसी प्रस्ताव के बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. मैं समझता हूं कि अगर किसी वंचित, चाहे वह पुरुष हो या महिला, को अधिकार देना है या मान-सम्मान देना है, संपत्ति का अधिकार देना है, सशक्त बनाना है, तो फिर किसे आपत्ति हो सकती है, लेकिन इसे लेकर कोई खाका ही नहीं है, सिर्फ राजनीतिक टूल का इस्तेमाल किया गया है.'
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सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर ध्यान भटकाने का काम करती है, ताकि महंगाई और जनता से जुड़े अन्य मुद्दों पर पर चर्चा नहीं हो.
क्यों UCC लागू करने की हो रही है वकालत?
यूसीसी विवाह, तलाक और उत्तराधिकार पर समान कानून लागू करने के लिए है. अमल में आने पर यह देश के सभी नागरिकों पर लागू होगा. धर्म, जाति, समुदाय या स्थानीय परंपराओं के आधार पर कानून में भेदभाव नहीं किया जाएगा. विधि आयोग ने यूसीसी पर लोगों से राय मांगी है. (इनपुट: भाषा)
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